महिलाएं बहुत ही ताकतवर है, अधिकारों के लिए लड़ना कोई उनसे सीखे …. अरुण सिंह
रिपोर्ट वसीम।

अहरौरा (मिर्जापुर)। खदान मजदूर यूनियन के तत्वाधान में आज दुर्गा जी मंदिर अहरौरा पर महिला मजदूर अधिकार सम्मेलन का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ गांवों से आई मजदूर महिलाओं ने सामूहिक रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया। महिलाओ ने कार्यक्रम की शुरुआत “बहना ओ बहना मिल के बदल द हिंदुस्तान” गीतो से किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वंदना ने कहा कि हम बहनों की बड़ी जिम्मेदारी अपने बच्चों को शिक्षित करने की है, लेकिन शिक्षा महंगी होती जा रही है इसके लिए हमें जागरूकता के साथ लड़ना होगा।
वही वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता अरुण सिंह ने कहा कि आजकल एक नारा चल पड़ा है,महिला सशक्तिकरण जबकि महिलाओं से ताकतवर कोई नहीं होता अन्याय और हक के लिए लड़ना उनसे सीखना चाहिए। 8 मार्च अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस इसकी मिसाल है।
सामाजिक कार्यकर्ता अरविंद मूर्ति नेकहा कि आज
सबसे ज्यादा मेहनत करने वाला आज सबसे ज्यादा दु:खी है। उन्हें ना तो संतुलित भोजन मिल पा रहा है ना पहनने का अच्छा कपड़ा ना रहने का अच्छा मकान ना उनके बच्चों को आधुनिक वैज्ञानिक शिक्षा मिल पाती है। ना सुरक्षा न सम्मान, महंगाई बेरोजगारी,भ्रष्टाचार कर्ज का भार इसी मेहनतकश वर्गों को झेलना पड़ता है। दूसरी तरफ इस कमजोर वर्ग का शोषण करने वाला वर्ग उनकी मेहनत की गाढ़ी कमाई को लूटकर दौलत का पहाड़ बनाता जा रहा है। देश की सारी दौलत का यानी जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद)की 73% संपत्ति पर ऊपर के 10% लोगों का कब्जा हो गया है यानी ₹100 में 73 रुपए 10 लोगों के पास और 27 रुपए में 90 लोग गुजर बसर कर रहे हैं। यह गलत बंटवारा ही देश की बेरोजगारी सहित सभी समस्याओं की असली जड़ है। लेकिन कुछ लोग इस गलत बंटवारे की व्यवस्था को दोषी न मानते हुए व्यक्तियों को दोषी ठहरने की गलती करते आ रहे हैं। और रोजगार जैसे भ्रामक शब्दों के जाल में नौजवानों को उलझाए हुए हैं। इस उलझाव भटकाव से मुक्ति की एक ही मांग है। देश के इच्छुक प्रत्येक परिवार के एक सदस्य को पक्की सरकारी नौकरी दे, सबको समान माहौल में समान शिक्षा और चिकित्सा दे।
साथियों इन मांगों को हल करना एक राजनीतिक सवाल है। इसलिए जनता की राजनीतिक गोलबंदी बहुत जरूरी है। जन एकता से जुझारू जन आंदोलन खड़ा कर हमें अपनी मांगों के लिए उसे वोट की ताकत में बदलना होगा तभी इन मांगों को राजनीतिक एवं संवैधानिक रूप से पूरा कराया जा सकेगा; आईये हम सभी इस जन आंदोलन में शामिल होकर बेरोजगारी और गरीबी मुक्त भारत बनाए।
कार्यक्रम का संचालन रामाश्रेय विश्वकर्मा ने किया। इस दौरान उर्मिला, आरती, रीता, राधे श्याम सहित सैकड़ो महिलाएं मौजूद रही।
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