रमज़ान में अल्लाह उनको भी माफ कर देता है जिन पर अज़ाब वाजिब था
ईस्ट इंडिया टाइम्स रिपोर्ट आदिल अमान


कायमगंज/फर्रुखाबाद
आस्ताना आलिया हज़रत बाबा जूही शाह व हज़रत मुनीर अहमद शाह रहमतुल्लाह अलैह पर आज 17 वाँ रोज़ा इफ़्तार का एहतिमाम किया गया जिसमें सैंकड़ों लोगों ने रोज़ा इफ़्तार किया इफ़तार की फज़ीलत के बारे में सज्जादानशीन सूफ़ी हज़रत मुशीर अहमद क़ादरी चिश्ती ने बताया कि हदीस में है कि अल्लाह तआला रमजान की हर शब इफ्तार के वक्त एक लाख दोजखियों को दोजख से आजाद फरमा देता है और वह ऐसे होते हैं जिन पर अजाब वाजिब होता है।
मजहबे इस्लाम न सिर्फ इफ्तार का हुक्म देता है बल्कि दूसरे रोजेदारों को इफ्तार कराने की तरगीब भी देता है।
हजरत जैद बिन खालिद (रजि0) फरमाते हैं कि नबी करीम (सल0) ने इरशाद फरमाया- जिस ने किसी रोजेदार का इफ्तार कराया उसके लिए उसी के मिस्ल सवाब है |
इफ़तार करने में देरी न की जाये और जो भी मयस्सर हो उससे रोज़ा इफ़तार करें और इफ़तार करने से कब्ल अपने लिये अपने वालदैन अपने बच्चों अवाम और अपने मुल्क हिंदुस्तान की सलामती के लिये दुआ करें क्योंकि अल्लाह उस वक्त रोज़ेदार के बहुत करीब होता और ये वक्त दुआओं की कुबूलियत का होता है | इस मौके पर दरगाह सरपरस्त मसूद खान साहब,हाफ़िज़ रिफ़त,आमिर हुसैन,नोमान सिद्दीकी,हाफ़िज़ आज़म खान,बबलू टेलर,रफीक भाई,धनेश गौढ़,अकील खान,शिवकांत,आदिल अमान,शाहनवाज खान,बाबू खान,सलीम खान,सनी बाथम,हरिओम,शमशाद,करन भारद्वाज,पवन बाथम,कामरान, कौसर,संजय शर्मा,खलील भाई,एड०खुशहाल खाँ, शैलू वर्मा,अज़हर खाँ,सलमान अंसारी,अजमेरी भाई,नागर खाँ,परवेज़,जमील सिद्दीकी,आसिफ़ मंसूरी,रूखसार खान,नावेद खान,विनय सक्सेना,सैयद जमाल,आदि शामिल रहे


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