रिपोर्ट मुनीश उपाध्याय।

बिजनौर/नगीना।
उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार में जनपद बिजनौर की नगीना तहसील में मिट्टी खनन का कारोबार लगातार अपनी जड़े जमाता जा रहा है। नगीना की सड़कों पर रोजाना दिन और रात में मिट्टी से भरी ट्रैक्टर ट्रालियां डंपर पुलिस की नाक के नीचे से निकलते हुए देखे जा सकते हैं। परंतु कोई भी इन्हें रोकने वाला नहीं है। संवाददाता द्वारा जब इस संबन्ध में पड़ताल की गई तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। मिट्टी खनन के लिए नियम अनुसार जनपद के जिला अधिकारी अथवा तहसील क्षेत्र के एसडीम के द्वारा कुछ नियम एवं शर्तों के साथ स्थानीय किसानों को आवश्यकता अनुसार अपने खेतों से मिट्टी खनन की कुछ नियम एवं शर्तों के साथ परमिशन जारी की जाती है। नियम अनुसार खेत से मिट्टी एक सीमित मात्रा में उठाई जाएगी। तथा खेत से मिट्टी उठाने का कार्य हस्त चलित विधि से ही किया जाएगा। इसके साथ ही मिट्टी खनन का कार्य प्रातः 6:00 बजे से लेकर रात्रि 6:00 बजे तक ही किया जा सकता है। आवेदक को मिट्टी खनन कार्य आरंभ करने से पूर्व परमीशन की एक प्रति लिखित सूचना के साथ स्थानीय पुलिस एवं उप जिलाधिकारी को दी जाएगी। परंतु नगीना तहसील क्षेत्र में अधिकांश मिटटी खनन का कार्य रात के अंधेरे में जेसीबी मशीन के माध्यम से किया जा रहा है। परंतु नगीना तहसील क्षेत्र में मिट्टी खनन से जुड़े कारोबारी लोग किसानों को प्रलोभन देकर उनके खेत के खेत खरीद कर नियमानुसार उप जिला अधिकारी तथा स्थानीय प्रशासन को बगैर लिखित सूचना दिए नियम वेषकों का खुलेआम उल्लंघन करते हुए रात के अंधेरे में जब कब मशीन का प्रयोग करके ट्रैक्टर ट्रालियों व तथा डंपर के माध्यम से मानक से विपरीत मिट्टी खनन करने का कार्य कर रहे हैं। तथा मिट्टी को बाजार में बेचकर लाखों रुपए के वारे न्यारे कर रहे हैं। इतना ही नहीं अवैध खनन से जुड़े कुछ कारोबारी बिना परमिशन प्राप्त किया ही अवैध रूप से मिट्टी खनन का कार्य कर रहे हैं। क्या जिला प्रशासन मिट्टी के इस अवैध खनन कार्य के विरुद्ध किसी प्रकार का कोई एक्शन लेता है अथवा यह अवैध रूप से मिट्टी करने का कार्य इसी प्रकार चलता रहेगा यह तो आने वाला समय ही बताएगा।

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