कन्नौज रेलवे स्टेशन के निर्माणाधीन बिल्डिंग का लिंटर गिरने पर शटरिंग ठेकेदार बना मुख्य आरोपी, तलाश में जुटी पुलिस

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ईस्ट इंडिया टाइम्स राजेन्द्र सिंह धुआँधार

कन्नौज। अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत कन्नौज रेलवे स्टेशन का निर्माणाधीन बिल्डिंग का लिंटर गिरने के मामले में जांच कर रहे अधिकारियों को सबसे ज्यादा लापरवाही शटरिंग ठेकेदार की मिली है। जिसके कारण जांच अधिकारी ने शटरिंग ठेकेदार को मुख्य आरोपी बनाया है। जांच अधिकारी के निर्देश पर जीआरपी के अधिकारियों ने उसे विवेचना में शामिल किया है। और उसकी तलाश में तीन टीमों का गठन किया है। आरोपी शटरिंग ठेकेदार हनीफ का मोबाइल बंद है और वह घर पर भी नहीं है। इसके अलावा कन्नौज रेलवे स्टेशन का निर्माण कार्य करने वाले बलिया की कार्यदायी संस्था आशुतोष इंटरप्राइजेज के मालिक राम विलास राय की भी पुलिस तलाश कर रही है। जीआरपी का कहना है कि इस मामले में अभी और लोगों को आरोपी बनाया जाएगा। पीएम गति शक्ति रेलवे के अधिशासी अभियंता विपुल माथुर ने जीआरपी थाना फर्रुखाबाद में ठेकेदार रामविलास राय, इंजीनियर सूरज प्रकाश मिश्रा के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। इसमें आरोप लगाया कि ठेकेदार व इंजीनियर की लापरवाही से शटरिंग टूटने से निर्माणाधीन रेलवे स्टेशन गिर गया और 26 मजदूर घायल हो गए। मुकदमे की विवेचना जीआरपी थानाध्यक्ष संदीप तोमर कर रहे हैं। मंगलवार को विवेचक ने घटनास्थल का बारीकी से निरीक्षण कर नक्शा नजरी बनाया। जांच में पता चला कि शटरिंग ठेकेदार बरेली का हनीफ था। चालीस फीट ऊंचे लिंटर को डालने के लिए लोहे के गर्डर लगाने चाहिए थे। चारों किनारों पर लकड़ी की बल्ली लगाई थी। बल्ली के खिसकने के कारण ही लिंटर गिर गया। हनीफ ने स्थानीय शटरिंग ठेकेदार से बल्लियां मंगवाकर लगाई थी। विवेचक ने मुकदमे में हनीफ को मुख्य आरोपी बनाया है और उसकी तलाश भी करवाई। थानाध्यक्ष संदीप तोमर ने बताया कि बरेली के शटरिंग ठेकेदार को आरोपी बनाया गया है, उसकी लापरवाही के कारण ही हादसा हुआ। वह बरेली से लोहे गर्डर लगाता तो यह वीभत्स हादसा नहीं होता। रेलवे स्टेशन पर निर्माण कार्य करा रहे कार्यदायी संस्था आशुतोष इंटरप्राइजेज बलिया का मालिक एवं ठेकेदार राम विलास राय पूर्वांचल की तरफ भाग गया है। पुलिस ने उसका नंबर सर्विलांस पर लगाया तो उसकी लोकेशन पूर्वांचल में ही मिली है। बताया जा रहा है कि वह सपा सरकार में मंत्री रहे नारद राय का रिश्तेदार है। कार्रवाई से बचने के लिए वह नेताओं के संरक्षण में चला गया है। हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ, फिर भी ठेकेदार की लापरवाही है कि उसने काम को गुणवत्तापूर्ण तरीके से नहीं कराया है।
बिल्डिंग मैटेरियल की जांच करेगी रेलवे की निर्माण इकाई
रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि जिस दिन हादसा हुआ, उसी दिन बिल्डिंग मैटेरियल का सैंपल लेकर जांच के लिए भेज दिया गया था। इसकी जांच रेलवे की निर्माण इकाई करेगी। यदि भवन निर्माण सामग्री घटिया मिली तो उस मामले में भी एक एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। रेलवे के जन संपर्क अधिकारी राजेंद्र सिंह ने बताया कि हादसे की जांच रेलवे की उच्च स्तरीय टीम कर रही है। जांच में जो तथ्य निकलकर सामने आएंगे, उनके आधार पर कार्रवाई तय होगी।

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