महाकुंभ स्नान के कारण ट्रेनों में खड़े होने की भी जगह नहीं।
ईस्ट इंडिया टाइम्स राजेन्द्र सिंह धुआँधार
कन्नौज। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार शाम महाकुंभ जाने वाले यात्रियों की भीड़ अधिक होने से मची भगदड़ में कैई लोगों की मौत के बाद जहां कुंभ जाने के इच्छुक सकते में हैं वहीं कन्नौज स्टेशन प्रशासन भी अलर्ट हो गया है।प्लेटफार्म पर भीड़ न बढ़ने पाये इसके लिये जनरल टिकटों की बिक्री पर नजर रखी जा रही है। साथ ही प्लेटफार्म टिकट जांचकर ही यात्रियों के साथ लोगों को स्टेशन परिसर में प्रवेश दिया जा रहा है। जीआरपी ने भी बेवजह प्लेटफार्म पर घूमने व ट्रेन में चढ़ने के लिये धक्का मुक्की करने वालों पर नजर टेढ़ी कर दी है। यहां से भी हर रोज हजारों यात्री विभिन्न ट्रेनों से कुंभ नहाने के लिए प्रयागराज का सफर कर रहे हैं। ऐसे में स्टेशन के अलावा ट्रेनों में भी अचानक यात्रियों की भीड़ बढ़ गयी है। इन हालातों ने रेलवे प्रशासन के सामने भी समस्या खड़ी कर दी है। भीड़ को नियंत्रित करने के लिये रेलवे पुलिस के साथ ही रेलवे अधिकारियों को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। दिल्ली स्टेशन पर हुये हादसे के बाद कन्नौज रेलवे प्रशासन कोई कोताही नहीं बरतना चाहता। यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुये लगातार माइक से प्लेटफार्म पर अनावश्यक भीड़ न लगाने व ट्रेन आने पर भगदड़ न करने की अपील की जा रही है।
रेलवे अधिकारी आरपीएफ व जीआरपी की मदद से यात्रियों खासकर महिलाओं व बच्चों को बोगियों में चढ़ाने व उतारने की जद्दोजहद कर रहे हैं। बेवजह स्टेशन पर भीड़ न बढ़े इसके लिये प्लेटफार्म टिकट की जांच भी सख्त कर दी गयी है। मंडल वाणिज्य निरीक्षक राजकुमार वर्मा ने कहा कि रेलवे प्रशासन यात्रियों को सुरक्षित सफर कराने की हर संभव कोशिश कर रहा है। भीड़ की वजह से कोई दुर्घटना न घटित होने पाये इसके लिये भी विशेष सतर्कता बरती जा रही है। सामान्य ट्रेनों में 13-14 सवारी कोच का प्रयोग किया जाता है। आम दिनों में ही हर रोज 6 से 7 हजार यात्री कन्नौज स्टेशन से ट्रेन का सफर करते हैं। एक जनरल बोगी में 200-250 यात्री सफर करने को मजबूर हैं। कुंभ मेले में जाने वाले यात्रियों की संख्या बढ़ जाने से हालात और भी खराब हो गये हैं। आलम यह है कि एक बोगी में 300-350 यात्री सफर कर रहे हैं। सीट पर जगह मिलने की बात तो भूल जायें सही से खड़े होना भी मुश्किल है। बोगी के टायलेट के पास बैठकर या ख़ड़े होकर भी यात्री सफर कर रहे हैं। सबसे ज्यादा दिक्कतें तो महिलाओं व बच्चों को हो रही है जो जगह न मिलने से जैसे तैसे अपने गंतव्य तक पहुंच रहे हैं।