फिरोजाबाद ।
जिलाधिकारी का भी यही प्रयास है कि, महिलाऐं आर्थिक रूप से सशक्त् बनें। क्योंकि, आर्थिक सशक्तिकरण से न केवल महिलाओं को सुरक्षा प्राप्त होती है। बल्कि, महिलाओं के आर्थिक रूप से सशक्त होने से समाज व राष्ट्र का निर्माण होता है और उनके इस आर्थिक सशक्तिकरण में स्वंय सहायता समूह प्रमुख भूमिका अदा कर रहे हैं।स्वंय सहायता समूह के माध्यम से महिलाऐं न सिर्फ, आर्थिक दृष्टि से अपितु वैचारिक रूप से भी सशक्त हैं। स्वयं सहायता समूहों के जरिए सामुहिक निर्णय लेने की क्षमता को बढावा मिलता है, साथ ही साथ स्वंय सहायता समूहों के सदस्यों के हुनर और कौशल को एक नया आयाम भी मिलता है। स्वंय सहायता समूहों के जरिए गरीबों को वित्तीय सहायता दी जाती है, समूह से जुडने के बाद समूह से जुडे़ लोगों को शासकीय योजनाओं का लाभ मिलता है, समूह में काम करने से बैंक से लोन आसानी से मिल जाता है।
जिलाधिकारी आईएएस रमेश रंजन ने इस दिशा में विशेष प्रयास करते हुए समूहों को वित्तीय मदद उपलब्ध कराई है। जिसके परिणाम स्वरूप अरांव ब्लाॅक के 267 समूहों को 145.64 लाख, एका ब्लाॅक के 175 समूहों को 150.62, फिरोजाबाद ब्लाॅक के 225 समूहों को 347.57 लाख, जसराना के 175 समूहोें को 92.90 लाख, खैरगढ ब्लाॅक के 264 समूहों को 132 लाख, मदनपुर ब्लाॅक के 362 समूहों को 338.38 लाख, नारखी ब्लाॅक के 186 समूहों को 213.99 लाख, शिकोहाबाद के 228 समूूहों को 224.79 लाख जबकि टूण्डला ब्लाॅक के 194 समूहों को 262.99 लाख के ऋण वितरण किए गए।
इस प्रकार जनपद में कुल 1931.23 लाख ऋण वितरण किए गए। जिलाधिकारी का प्रयास है कि, इन समूहोें को और सशक्त बनाया जाए। जिससे, हमारे प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के ग्राम स्वराज्य के सपने को साकार किया जा सके।