चमत्कारिक है मंदिर की। कहानी। मंदिर की स्थापना महाराज शांतनु ने की थी। महाभारत युद्ध से पहले आए थे। यहां !

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फ़िरोज़ाबाद –

फिरोजाबाद । जिला मुख्यालय से लगभग 15 किलोमीटर दूर खैरगढ़ ब्लॉक के गांव सांती में देवादिदेव महादेव का एक अति प्राचीन, महाभारत कालीन मंदिर है। जिसका, पौराणिक और पुरातात्विक महत्व है। शिवरात्रि के दिन हर वर्ष यहां परंपरागत रूप से लक्खी मेले का आयोजन किया जाता है। जिसमें, दूर-दूर से शिवभक्त कांवर में गंगाजल भरकर जलाभिषेक व पूजन करने आते हैं। आइए जानते हैं क्या है खैरगढ़ ब्लॉक के गांव सांती की कहानी।

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महाभारत काल के भीष्म पितामह के पिता महाराज शांतनु की यह भूमि तपोस्थली रही है। बताया जाता है कि, इन्हीं के नाम पर इस गांव का नाम सांती पड़ा। इसी गांव में शांतेश्वर नाथ के नाम से भगवान भोलेनाथ का एक अति प्राचीन मंदिर है। जिसमें, भगवान शिव, अपने परिवार माता पार्वती, भगवान गणेश, कार्तिकेय और नंदी के साथ विराजमान हैं। यह मंदिर शिव भक्तों की आस्था का केंद्र है। यहां, श्रद्धालुओं की अपार भीड़ उमड़ती है। शिवरात्रि के दिन कई किलोमीटर दूर से पैदल चलकर श्रद्धालू दर्शन व पूजन करने के लिए आते हैं और कांवड़िया काफी संख्या में यहां आकर गंगाजल से भगवान शिव का अभिषेक करते हैं। इस बार शिवरात्रि 26 फरवरी, बुधवार को बड़े ही धूमधाम से मनाई जाएगी।

चमत्कारिक है मंदिर की कहानी

मंदिर के महंत रमेश गोस्वामी बताते हैं कि, यह मंदिर चमत्कारिक है। यहां अनेकों चमत्कार हुए हैं। अभी वह मंदिर की सेवा कर रहे हैं। इससे पहले उनके बड़े भाई कमलनाथ, उनसे पहले उनके पिता गौरीनाथ, बाबा फूलनाथ और परबाबा पातरिया नाथ मंदिर की सेवा करते थे। हमारे पूर्वज बताते थे कि इस मंदिर में स्थापित प्रतिमाएं हजारों वर्ष पुरानी हैं। इस मंदिर की स्थापना महाराज शांतनु ने की थी। महाभारत युद्ध से पहले वह यहां आए थे।

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