सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर पर्याप्त मात्रा में दवाएं, एंटी रेबीज, एंटी वेनम उपलब्ध रहें, चिकित्सक मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं दें- उप मुख्यमंत्री

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ईस्ट इंडिया टाइम्स रिपोर्ट ऋषिकांत दुबे।

संस्थागत प्रसव की प्रगति सुधार हेतु आशा, संगिनी को किया जाए जागरूक, विभागीय अधिकारी भी गर्भवती के परिजनों को संस्थागत प्रसव हेतु करें जागरूक-बृजेश पाठक

मैनपुरी। उपमुख्यमंत्री उ.प्र. शासन बृजेश पाठक ने करहल सर्किट हाउस में जनपद के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के कार्यों की योजनावार समीक्षा करने के दौरान कहा कि सभी स्वास्थ्य केंद्रों, आयुष्मान आरोग्य मंदिर में जीवन रक्षक दवाई पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रहे, सामुदायिक, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर एंटी रेबीज, एंटी वेनम की उपलब्धता सुनिश्चित की जाये, चिकित्सक, पैरामेडिकल स्टॉफ समय से अपने तैनाती स्थल पर उपस्थित रहकर आने वाले मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करें, स्वास्थ्य केन्द्रों पर सभी मूल-भूत सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करायी जाए। उन्होंने जननी सुरक्षा योजना की समीक्षा के दौरान पाया कि वार्षिक लक्ष्य 23929 के सापेक्ष माह जुलाई तक 5455 संस्थागत प्रसव हुए हैं, जिसके सापेक्ष 5184 प्रसुताओं को जननी सुरक्षा योजना का लाभ प्रदान किया जा चुका है, आशाओं द्वारा उक्त में से 4553 प्रसव कराए गए, जिसके सापेक्ष 4476 आशाओं को मानदेय का भुगतान किया जा चुका है, जिस पर उन्होंने मुख्य चिकित्साधिकारी को आदेशित करते हुए कहा कि कोई भी प्रसव घर पर न हो, गर्भवतियों को आशा, संगिनी, ए.एन.एम. के माध्यम से चिन्हित कराकर गर्भवती महिलाओं, उनके परिजनों को संस्थागत प्रसव कराने के लिए प्रेरित किया जाए, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी गर्भवती महिलाओं के परिजनों से संवाद कर उन्हें संस्थागत प्रसव करने, संस्थागत प्रसव करने से होने वाले लाभ के बारे में जागरूक करें, शत-प्रतिशत प्रसव संस्थागत हों, सुनिश्चित किया जाये, जनपद के स्वास्थ्य केंन्द्रों पर संचालित एफ.आर.यू. के तहत ऐसी गर्भवती महिलाएं जिनके ऑपरेशन होने हैं, उन्हें ऑपरेशन की सुविधा मुहैया कराई जाए, जनपद में एफ.आर.यू. की प्रगति संतोषजनक नहीं है इसे बढ़ाया जाए ताकि गरीब परिवार की गर्भवती महिलाओं को लाभ मिल सके।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि गर्भवती महिलाओं, लक्षित बच्चों को सभी टीके निर्धारित समय में लगें, गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिलाओं की उचित देखभाल हो। उन्होंने कहा कि जनपद में संचालित आयुष्मान आरोग्य मंदिर क्रियाशील रहें, तैनात स्टाफ समय से पहुंचकर क्षेत्र के लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करे, आरोग्य मंदिर के आसपास साफ सफाई की व्यवस्था रहे, परिसर आस-पास कहीं भी गंदगी, घास जमा न हो, जनपद के मरीज को टेलीमेडिसिन की सुविधा मुहैया कराई जाए, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत गठित टीमें प्राथमिक, उच्च प्राथमिक विद्यालयों, आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चों का नियमित रूप से स्वास्थ्य परीक्षण करें, स्वास्थ्य परीक्षण में जिन बच्चों में स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पाई जाएं, उन्हें बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जाएं, जानकारी करने पर पाया कि माह जुलाई तक आर.बी.एस.के. टीमों ने जांच के दौरान स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से ग्रसित 4370 बच्चों को उपचारित कराया गया। उन्होंने परिवार नियोजन कार्यक्रम की समीक्षा के दौरान पाया कि महिला नसबंदी के वार्षिक लक्ष्य 427 के सापेक्ष 33 एवं पुरूष नसबंदी के वार्षिक लक्ष्य 07 के सापेक्ष 02 की पूर्ति की गई, जिस पर उन्होंने महिला-पुरुष नसबंदी के लक्ष्यों की पूर्ति करने हेतु निर्देशित किया।
उन्होंने नियमित टीकाकरण की समीक्षा करने पर पाया कि पाया कि 0-1 वर्ष के बच्चों के टीकाकरण के वार्षिक लक्ष्य 51650 के सापेक्ष माह जुलाई तक 16185 बच्चों का टीकाकरण किया गया जबकि हेपेटाइटिस-बी बर्थ डोज से 5320 बच्चों को आच्छादित किया गया। उन्होंने मुख्य चिकित्साधिकारी, मुख्य चिकित्साधीक्षक से कहा कि जनपद में संचालित 108 एम्बुलेंस सेवा का रिस्पांस टाइम सुधारा जाए, भौतिक सत्यापन के उपरांत ही भुगतान की प्रक्रिया सुनिश्चित की जाए, मरीजों को एम्बुलेंस, हेल्थ ए.टी.एम., सीटी स्कैन, डायलेसिसि सहित स्वास्थ्य विभाग की अन्य संचालित योजनाओं का लाभ आसानी से मिले, किसी भी मरीज को बाहर की दवा न लिखी जाए, स्वास्थ्य केन्द्रों पर जांच की उपलब्धता रहे। उन्होंने कहा कि लोगों को वेक्टर जनित बीमारियों से बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी अन्य विभागों से समन्वय स्थापित कर वेक्टर जनित बीमारियों की रोकथाम हेतु प्रभावी कार्यवाही करें, ग्राम स्तरीय स्वास्थ्य कर्मियों के माध्यम से ग्रामीणों को वेक्टर जनित बीमारियों से बचने हेतु बरती जाने वाली सावधानियांे के प्रति जागरूक कराया जाए।
इस दौरान जिलाधिकारी अविनाश कृष्ण सिंह, पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार, अपर निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण कल्याण डॉ. चंद्रशेखर, संयुक्त निदेशक स्वास्थ्य डॉ. आनंद कुमार, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. आर.सी. गुप्ता, मुख्य चिकित्साधीक्षक पुरुष, महिला डॉ. मदनलाल, डॉ. शशांक, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. संजीव राव बहादुर, डॉ. अनिल वर्मा, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. राकेश कुमार, जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. आशुतोष, डी.पी.एम. संजीव वर्मा, स्वास्थ्य शिक्षाधिकारी रविंद्र गौर सहित स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारी आदि उपस्थित रहे।

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