महिला की हत्या के आरोपी को पुलिस ने मुठभेड़ में मारी गोली
ईस्ट इंडिया टाइम्स फैयाज अहमद।
देहरादून /ऋषिकेश/आईडीपीएल चौकी क्षेत्र अंतर्गत लेबर कॉलोनी के जंगल के पास अर्धनग्न मिले आशा देवी के शव की गुत्थी को पुलिस ने सुलझा लिया है। आशा देवी को सिर पर पत्थर से वार कर और गला दबाकर मौत के घाट उतारा गया है। हत्यारोपी के ऊपर विभिन्न थानों में 28 मामले दर्ज हैं। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की ओर से इसकी गिरफ्तारी पर 10 हजार रुपए इनाम घोषित किया गया था।
पुलिस अधीक्षक देहात जया बलूनी ने ऋषिकेश स्थित कैम्प कार्यालय में संबंधित मामले का खुलासा करते हुए बताया कि पुलिस और एसओजी की टीम ने पहचान करने के बाद हत्यारोपी को देहरादून रोड स्थित सात मोड़ के निकट से मुठभेड़ के दौरान गिरफ्तार किया है।
मुठभेड़ में हत्यारे ने पुलिस पर एक राउंड फायर भी किया। जबकि पुलिस ने दो राउंड फायर कर हत्यारे के पैर में गोली मारी। हत्यारोपी ऋषिकेश कोतवाली का हिस्ट्रीशीटर है। जिसके खिलाफ 28 से ज्यादा आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। उन्होंने बताया कि बदमाश और हत्यारोपी की पहचान संजय गुसाईं निवासी कुम्हारवाड़ा ऋषिकेश के रूप में हुई है। हत्यारोपी अभी अस्पताल में भर्ती है। मुठभेड़ के दौरान हत्यारोपी के कब्जे से एक देसी तमंचा, एक जिंदा कारतूस, दो खोखे और एक बाइक बरामद हुई हैं।
पूछताछ में आरोपी ने बताया की 22 दिसंबर को आशा देवी 54 वर्ष निवासी खदरी, श्यामपुर, ऋषिकेश से उसकी मुलाकात कुम्हारवाडा में हुई थी, जहां यह महिला किसी झाड़ फूक वाले के बारे में पूछ रही थी, जिसे लेकर हत्यारोपी डोईवाला भी गया था परंतु वहां कोई झाड़ फूंक वाला न मिलने पर वह उसे लेकर वापस ऋषिकेश आ गया, जहां हत्यारोपी ने आशा देवी को अपनी पत्नी का मोबाईल नम्बर, जो अरोपी के पास था, उसी दिन शाम के समय आशा देवी द्वारा दोबारा झाड़ फूक वाले के पास जाने के लिए हत्यारोपी को फोन किया, जिस पर वह अपनी स्कूटी लेकर आशा देवी को लेने रेलवे रोड पर एक होटल के पास गया। जहां से वह आशा देवी को लेकर रायवाला गया तथा रायवाला से शराब व अन्य खाने का सामान लेकर आशा देवी के साथ आईडीपीएल लेवर कालोनी के पास पार्किंग ग्राउन्ड में गया, जहां हत्यारोपी ने शराब पीकर किसी बात को लेकर आशा देवी से आपस मे हुई बहस में उसने आशा देवी को धक्का दे दिया, जिससे वह ग्राउन्ड से नीचे ढलान पर गिर गयी और उसके सिर पर पत्थर लगने से खून निकलने लगा। हत्यारोपी ने पकड़े जाने के डर से उसी पत्थर से आशा देवी के सिर पर वार कर दिया तथा गला दबा कर उसकी हत्या कर दी। जिसके बाद उसने मृतिका के शव को पास की झाडियो मे छिपा दिया। पुलिस क्षेत्राधिकारी संदीप नेगी के मार्गदर्शन में गठित पुलिस टीम ने प्रभारी निरीक्षक राजेंद्र सिंह खोलिया, वरिष्ठ उपनिरीक्षक विनोद कुमार समेत एसओजी और पुलिस टीम के 21 सदस्य शामिल थे।
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