रिपोर्ट आदिल अमान ईस्ट इंडिया टाइम्स
कायमगंज/फर्रुखाबाद
या अली या हुसैन की सदाओ के साथ नगर से ताजिये निकाले गए उससे पहले बीती रात को मोहल्ले मोहल्ले चिन्हित जगहों पर ताजिये रखे गए थे कुबेरपुर,गढ़ी,चिलांका,चिलौली, काज़म खा, मैन चौराहा, जटवारा, आदि शामिल है।सारी रात हुसैन के अक़ीददमंदो ने लंगर बाटा और ग़रीबी असहाय लोगो को खाना खिलाया ठंडा पानी व शर्वत पिलाया गया। सारी रात ताजीयों पर लोगों की भीडे लगी रही। ताजीयों के आसपास लोगों ने अपनी अपनी दुकाने भी सजायी थी। उनपर भी बच्चों व महिलाओ की भीड़ लगी रही और वह खरीदारी भी करती रहीं। दिन मे सबसे पहले कुबेरपुर का ताजिया उठाया गया बड़े बड़े ढ़ोल और लगाड़े ताजीयों के साथ चल रहे थे उनकी धुन बहुत दूर तक सुनाई दे रही थी। कुबेर पुर का ताजिया आगे बढ़ता रहा और सभी मोहल्ले के ताजिये पीछे साथ चलते रहे नगर की जामा मस्जिद के पास चिलांका का ताजिया आया। फिर चिलांका का ताजिया और कुबेरपुर का ताजिया साथ साथ चलते रहे। बो इसलिए कि ये दोनों मामू और भांजे है। जगह जगह अक़ीददमंद लंगर बाट रहे थे और पानी व शर्वत पिला रहे थे।ताजिये कुबेरपुर से शुरू होकर पुलग़ालिब, तहसील, काज़म खा, बजरिया, शयामागेट,गांजा भाँग बाली गली, मोहल्ला नुन्हाई, गंगा दरवाजा होते हुए करवाला मे जा पहुँचे और वही ताजीयों को दफ़न कर दिया गया।