त्रिवेणी तट पर सनातन परमपरा की अलख जगा रहे मंहत राधे गिरि पहाराज

schedule
2025-01-17 | 16:13h
update
2025-01-17 | 16:13h
person
Jamal Ali Khan
domain
eastindiatimes.in

शाहपुर बाणगंगा गांव के चंदेश्वर महादेव मंदिर
के हैं महंत

रिपोर्ट विरेन्द्र तोमर बागपत

बागपत / बडौत बिनौली ब्लॉक के शहापुर बाणगंगा प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में देश विदेश से करोड़ों श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने पहुंच रहे हैं। वहीं जनपद के शाहपुर बाणगंगा गांव स्थित प्राचीन चंदेश्वर महादेव मंदिर के महंत राधे गिरि महाराज इस आयोजन में जूना अखाड़े का प्रतिनिधित्व करते हुए त्रिवेणी के तट पर अपना टैंट लगाकर साधु संतों व भक्तों के साथ सनातन धर्म संस्कृति की अलख जगा रहे हैं। इस दौरान उनके पास जनपद से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचकर पुण्यार्जन कर रहे हैं।
ऐसे हुआ वैराग्य
मूल रूप से मेरठ के बनवारीपुर गांव निवासी किसान भगवान गिरि के घर जन्मे सबसे छोटे पुत्र मुकेश को बचपन से ही वैराग्य हो गया था। वर्ष 1999 में युवावस्था में ही गांव में 40 दिन खड़े होकर कठिन तपस्या की थी।
उनके पिता ने कई वर्ष तक संतान नही होने पर बागपत के किशनपुर बिराल स्थित सिद्ध स्थान पर आकर गोपाल गिरि महाराज से मन्नत मांगी थी कि पुत्र रत्न प्राप्त होने पर वो उन्हे समर्पित कर देंगें। पिता के दिए वचन को निभाते हुए वर्ष 2004 में बिराल सिद्ध स्थान पर आकर रहने लगे। जहां अपने गुरु महंत महावीर गिरि महाराज से साधु दीक्षा लेकर तप साधना शुरू की। फिर वर्ष 2019 में शाहपुर बाणगंगा गांव के चंदेश्वर महादेव मंदिर में आकर साधना के साथ सनातन धर्म परंपरा
का प्रचार शुरू किया।
एक जनवरी को पहुंचे प्रयागराज
प्रयागराज की धरा पर हो रहे महाकुंभ में भाग लेने के लिए महंत राधे गिरि महाराज साथी साधु संतों व भक्तों के साथ एक जनवरी को पहुंच गए थे। जहां सेक्टर 17 मुक्ति मार्ग पर सूरदास चौराहे के पास अपना टैंट लगाकर प्रवास कर धर्म प्रचार कर रहे हैं। उनके साथ हरियाणा, गुजरात, मेरठ मुजफ्फरनगर शामली रुड़की हरिद्वार आदि जगहों से आए कृष्ण गिरि, कैलाश गिरि, दीपक गिरि, बाबा मनु गिरि, निरंजन गिरि, वासुदेव गिरि आदि साधुओं के अलावा बड़ी संख्या में जनपद के कई गांवों के भक्त भी मौजूद हैं। यहां आने वाले साधु संतों व श्रद्धालुओं के लिए भंडारे में जलपान व खाने की भी व्यवस्था की गई है।
पीएम व सीएम के संकल्प से सनातन जागृत
महंत राधे गिरि महाराज ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि पीएम मोदी व सीएम योगी के संकल्प से हो रहा यहां हो रहे कुंभ की परंपरा सनातन धर्म को जागृत कर रही है। साधु संत और सनातन का उत्सव, संतों का समागम, अध्यात्म और आस्था की डुबकी का यह महाकुंभ भव्य और दिव्य है। भारतीय संस्कृति, अध्यात्म और आस्था का प्रतीक हर 12 वर्ष में आयोजित होने वाला यह मेला न केवल एक धार्मिक आयोजन है, बल्कि भारत की पौराणिक परम्पराओं और आध्यात्मिक विरासत का उत्सव है। उन्होंने बताया कि गुजरात स्थित श्री पंचदशनाम जुना अखाड़ा नागा संन्यासी संप्रदाय हनुमानजी मंदिर श्री पंचदशनाम जुना अखाड़ा गिरनार जुनागढ नागा संन्यासी संप्रदाय जुना अखाड़ा नागा संन्यासी मठाधीश मण्डल श्री पंचदशनाम जूना अखाड़े की पेशवाई उनके नेतृत्व में निकाली गई। 144 वर्ष बाद आया यह शुभ मुहूर्त अपने पूर्वजो को मुक्ति दिलाने का अवसर है।
फोटो: प्रयागराज में महंत राधे गिरि महाराज

Advertisement

Post Views: 33
Advertisement

Imprint
Responsible for the content:
eastindiatimes.in
Privacy & Terms of Use:
eastindiatimes.in
Mobile website via:
WordPress AMP Plugin
Last AMPHTML update:
31.01.2025 - 00:54:14
Privacy-Data & cookie usage: