रेप के आरोप में जेल में बंद पूर्व ब्लाक प्रमुख नवाब सिंह यादव को मिली सशर्त जमानत पांच शर्तों का करना होगा पालन

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2025-01-19 | 12:48h
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2025-01-19 | 12:48h
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Jamal Ali Khan
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ईस्ट इंडिया टाइम्स राजेन्द्र सिंह धुआँधार

कन्नौज। दुष्कर्म के आरोपी पूर्व ब्लाक प्रमुख नवाब सिंह यादव को विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) अलका यादव ने सशर्त जमानत दे दी है। अभी हाल मे ही हुए बार एसोसिएशन चुनाव में नवाब सिंह यादव को निर्विरोध कनिष्ठ उपाध्यक्ष चुना गया है। शनिवार को मतदान के दिन जमानत मिलने से उनके समर्थकों में खुशी का माहौल है।
सदर कोतवाली के गांव अड़ंगापुर निवासी पूर्व ब्लाक प्रमुख नवाब सिंह यादव के खिलाफ 12 अगस्त को किशोरी से दुष्कर्म करने का मुकदमा दर्ज किया गया था। नवाब सिंह यादव व उनके भाई नीलू यादव तथा पीड़िता की बुआ को जेल भेज दिया गया था। पुलिस ने दोनों भाइयों सहित तीन के खिलाफ गैंगस्टर का मुकदमा दर्ज किया। नवाब व उनके परिजनों की 17 करोड़ की संपित्त 21 दिसंबर को डीएम के आदेश पर कुर्क कर ली गई। जेल में रहते हुए नवाब सिंह यादव ने बार एसोसिएशन चुनाव में कनिष्ठ उपाध्यक्ष पद के लिए नामांकन किया। वह निर्विरोध कनिष्ठ उपाध्यक्ष चुन लिए गए। नवाब सिंह यादव की ओर से पॉक्सो एक्ट न्यायाधीश अलका यादव के यहां जमानत का दूसरा प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया। बचाव पक्ष के वकीलाें ने कोर्ट को बताया कि उनके मुवक्किल नवाब सिंह यादव को राजनैतिक साजिश के तहत फंसाया गया। शासकीय अधिवक्ता ने इसका विरोध में कई दलीलें दीं। न्यायाधीश ने बहस के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया था। शनिवार को विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) अलका यादव ने नवाब सिंह की सशर्त जमानत मंजूर कर ली। कोर्ट ने दो लाख के बंधपत्र (बांड) व दो लाख के प्रतिभूति पत्र दाखिल करने के आदेश दिए हैं। पांच शर्तों का नवाब सिंह को पालन करना होगा। कोर्ट से नवाब सिंह को पांच शर्तो पर जमानत दी गई है। कोर्ट ने आदेश दिया है कि मुकदमे की सुनवाई में आरोपी हर संभव सहयोग करेगा। आरोपी प्रत्येक सुनवाई को स्वयं व अभिवक्ता के माध्यम से उपस्थित रहेगा। धारा 313 के अभिलिखित होने के समय अथवा न्यायालय द्वारा अपेक्षा किए जाने के आरोपी व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में मौजूद रहेगा। गवाह के आने पर कोई स्थगन प्रार्थना पत्र नहीं देगा। प्रकरण से संबंधित गवाह को किसी प्रकार से परेशान व भयभीत नहीं करेगा। शर्तो का उल्लंघन करने पर न्यायालय उसके खिलाफ विधि सम्मत कार्रवाई के आदेश पारित करेगा।

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