जिनको चाहा था दिल ने बहुत शायद अब वो हमारा नहीं है, है किसी और के संग वो,यह भी हरगिज गवारा नहीं है-कवि विभा शुक्ला

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ईस्ट इंडिया टाइम्स रिपोर्ट आदिल अमान

कायमगंज/फर्रुखाबाद
अखिल भारतीय कवि सम्मेलन मे दूर-दूर से आए कवियों ने अपनी कविताओं, हास्य कविताओं, गजलो व शेरो शायरी से आगंतुकों का मन मोह लिया।
नगर के सीपी गेस्ट हाउस में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ। यह कवि सम्मेलन डॉ सुनीत सिद्धार्थ ‘सुनीत की पुस्तक’ खरी खोटी के लोकार्पण के अवसर पर अनुगूँज ( साहित्यिक संस्था ) कायमगंज के तत्वाधान में हुआ। जिस कवि सम्मेलन में मुख्य अतिथि पूर्व सदस्य राज्यसभा आयोग व वरिष्ठ भाजपा नेत्री डॉक्टर मिथिलेश अग्रवाल, नगर चेयरमैन डॉ शरद गंगवार, पूर्व विधायक अमर सिंह खटीक व जिला उपाध्यक्ष उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल अभिषेक अग्रवाल की उपस्थिति रही। दीप प्रजनन कर कवि सम्मेलन को आरंभ किया गया। कवियों में लखनऊ से रामकिशोर तिवारी, एटा से बलराम सरस, बहराइच से ओम वर्मा, बाराबंकी से प्रदीप महाजन, फतेहपुर से समीर शुक्ला, बनारस से विभा शुक्ला, लखनऊ से हेमा पांडे व पवन बाथम आदि कवियों ने अपनी रचनाएं, कविताएं, शायरो शायरी व गजलों के माध्यम से महफिल में चार चांद लगा दिए। कवि अभिषेक तिवारी ने कहा ‘ गुब्बारे जब भी फूल जाते हैं वह पहले क्या थे यह भूल जाते हैं’। वही समीर शुक्ला ने हास्य कविता के माध्यम से कहा ‘ मजेदार यार है संचालक मंचों के पतवार हमारे संचालक बीवी के आगे बिल्ली बन जाते हैं यारों के यार हमारे संचालक’। वही बलराम सरस ने कविता के माध्यम से कहा ‘आजादी के दीवानों की शान तिरंगा है हंसते-हंसते बलिदान हो जाना तिरंगा है’। लखनऊ से आयीं कवि हेमा पांडे ने कहा ‘ किसी से दिल का लगाना आता है मुझे आंखों से नींद चुराना आता है मुझे पाठशाला पढ़ चुकी हूं तुम्हारी तुमको रूठना मनाना आता है मुझे’। वहीं मौजूद आगंतुकों ने तालियां बजाकर कवियों का खूब सम्मान किया। कवि सम्मेलन की अध्यक्षता प्रोफेसर रामबाबू मिश्र ने की। आयोजक डॉ सुनीत सिद्धार्थ व संजय गुप्ता, आसिफ मंसूरी आदि लोग मौजूद रहे।

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