बसंत पंचमी व सरस्वती पूजन एवं पंडित सूर्यकांत निराला की जयंती पर काव्य गोष्ठी का आयोजन

schedule
2025-02-02 | 15:09h
update
2025-02-02 | 15:20h
person
hi
domain
eastindiatimes.in

क्राइम रिपोर्टर सुधीर सिंह

कायमगंज/फर्रुखाबाद/
हिंदी साहित्य के इतिहास में छायावाद चतुष्टय के विख्यात कवियों में महाप्राण निराला का नाम सबसे अधिक लोकप्रिय है उनका काव्य उनके व्यक्तित्व का आईना है। वसंत पंचमी पर सरस्वती पूजा एवं हवन के बाद राष्ट्रीय प्रगतिशील फोरम द्वारा कृष्णा प्रेस परिसर सधवाड़ा में परिचर्चा एवं कवि गोष्ठी का आयोजन हुआ, जिसमें प्रोफेसर रामबाबू मिश्र रत्नेश ने कहा कि निराला के काव्य में परंपरा और प्रगति प्रकृति और मानवीय संवेदना ,करुणा और विद्रोह ,शक्ति और सौंदर्य का अद्भुत संगम है। गीतकार पवन बाथम ने कहा कि
“गीत और संगीत का मणिकांचन सहयोग।
निर्झर ज्योतिर्मय हुआ पाकर उनका योग।। “
हंसा मिश्रा ने कहा कि
“लौह बदन कोमल हृदय शब्द शब्द जीवंत।
नहीं निराला सा कहीं कवि विद्रोही संत।।”
प्रधानाचार्य शिवकांत शुक्ला ने कहा कि निराला ने संस्कृत निष्ठ हिंदी भाषा में कविता लिखी जिसमें किसी भी विजातीय भाषा का एक भी शब्द नहीं मिलता। पूर्व प्रधानाचार्य अहिबरन सिंह गौर डॉ सुनीत सिद्धार्थ ने कहा कि निराला ने स्वयं विषपान करके अमृत बांटा।
जेपी दुबे एवं वीएस तिवारी ने कहा कि राम की शक्ति पूजा एवं वाणी वंदना जैसी कालजयी रचनाएं निराला जी ही लिख सकते थे। प्रोफेसर कुलदीप आर्य ने कहा कि निराला ने मुक्त छंद विधा में जूही की कली जैसी लयात्मक रचना लिखकर हिंदी कविता को नई दिशा दी। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कायमगंज प्रभारी निरीक्षक राम अवतार ने कहा कि वाणी पुत्र साहित्यकार नव जागरण के अग्रदूत होते हैं। कार्यक्रम में कस्बा चौकी इंचार्ज नागेंद्र सिंह,शिव कुमार दुबे, दीवान विनीत कुमार एवं सिंधु परम मिश्रा आदि ने सहभागिता की।

Advertisement

Post Views: 10
Advertisement

Imprint
Responsible for the content:
eastindiatimes.in
Privacy & Terms of Use:
eastindiatimes.in
Mobile website via:
WordPress AMP Plugin
Last AMPHTML update:
02.02.2025 - 15:26:18
Privacy-Data & cookie usage: