बच्चों को डायरिया से सुरक्षित बनाने की अनूठी पहल

schedule
2025-02-06 | 16:21h
update
2025-02-06 | 16:21h
person
hi
domain
eastindiatimes.in

सीएमओ ने किया “डायरिया से डर नहीं” कार्यक्रम का भव्य शुभारम्भ

फिरोजाबाद-

शून्य से पांच साल तक के बच्चों को डायरिया से सुरक्षित बनाने को लेकर जनपद में एक अनूठी पहल की गयी है। इसके तहत स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में पापुलेशन सर्विसेज इंटरनेशनल-इंडिया (पीएसआई-इंडिया) और केन्व्यू संस्था के सहयोग से “डायरिया से डर नहीं” कार्यक्रम का बृहस्पतिवार को यहाँ एक स्थानीय होटल में भव्य शुभारम्भ किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राम बदन राम ने की।

दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारम्भ करते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि शून्य से पांच साल तक के बच्चों की कुल मौत का एक प्रमुख कारण डायरिया भी है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस पर नियन्त्रण के लिए दस्तक अभियान के तहत घर-घर जाकर समुदाय को जागरूक किया जा रहा है। “डायरिया से डर नहीं” कार्यक्रम से इसको और बल मिलेगा। इसके तहत मिशन मोड में काम करते हुए आशा, आंगनबाड़ी, एएनएम और महिला आरोग्य समितियों के सदस्यों को प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके माध्यम से उन्हें डायरिया (दस्त) की सही पहचान और बचाव के बारे में बताया जाएगा। इसके लिए मीडिया के हर प्लेटफार्म का इस्तेमाल करते हुए डायरिया के लक्षण, कारण और नियन्त्रण सम्बन्धी सन्देश जन-जन में प्रसारित किया जाएगा। इसके लिए सूचना, शिक्षा और संचार (आईईसी) सामग्री अस्पतालों के प्रमुख स्थलों पर प्रदर्शित की जाएगी।

Advertisement

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने पीएसआई इंडिया को भरोसा दिलाया कि जनपद में कार्यक्रम को सफल बनाने की हरसम्भव कोशिश की जाएगी। इससे पहले “डायरिया से डर नहीं” कार्यक्रम के बारे में विस्तार से बताते हुए पीएसआई-इंडिया के प्रोग्राम निदेशक हितेश साहनी और स्टेट हेड अमित कुमार ने बताया कि फ्रंटलाइन वर्कर को जल्दी से जल्दी डायरिया के प्रमुख कारणों के बारे में प्रशिक्षित करने के साथ ही ओआरएस की महत्ता, काउंसिलिंग के प्रमुख बिन्दुओं और शीघ्र स्तनपान और छह माह तक सिर्फ स्तनपान के फायदे के बारे में ट्रेनिंग दी जाएगी। हैण्डवाशिंग की सही विधि के बारे में प्रशिक्षित किया जाएगा। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों और खंड विकास कार्यालयों को दीवार लेखन के माध्यम से आच्छादित किया जायेगा और जन-जन तक डायरिया से बचाव के प्रमुख सन्देश पहुंचाए जायेंगे। डायरिया चैम्पियन भी चयनित किए जाएंगे। इसके साथ ही बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार (आईसीडीएस) और शिक्षा विभाग के साथ ही अन्य विभागों को भी कार्यक्रम से जोड़ा जाएगा। निजी क्षेत्र के चिकित्सकों और अस्पतालों को भी कार्यक्रम से जोड़कर ओआरएस कार्नर स्थापित करने और डायरिया के केस की रिपोर्टिंग करने के लिए प्रेरित किया जायेगा।

इस मौके पर उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. फारूक ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि यदि डायरिया की शुरुआत में ही पहचान कर ओआरएस का घोल दिया जाए तो गंभीर स्थिति तक पहुँचने से बच्चे को बचाया जा सकता है। गंभीर स्थिति में समय पर बच्चे को अस्पताल ले जाया जाए तो उसको जोखिम से बचाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि 24 घंटे में यदि तीन बार पतली दस्त आ रही है तो यह डायरिया के लक्षण हो सकते हैं और यह लम्बे समय तक बनी रहे तो यह गंभीर डायरिया का रूप ले सकती है। इसके साथ ही उन्होंने घरेलू ओआरएस में चीनी और नमक की उचित मात्रा के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र में तो अब लिक्विड के रूप में निर्मित ओआरएस का घोल उपलब्ध है। उन्होंने रोटा वायरस वैक्सीन के बारे में भी जानकारी दी।

इस मौके पर इंडियन एकेडमी ऑफ़ पीडियाट्रिक एसोसिएशन के जिला सचिव डॉ. विवेक अग्रवाल और अध्यक्ष डॉ. दीपक अग्रवाल ने कहा कि शिशु को जन्म के तुरंत बाद स्तनपान कराया जाए और छह माह तक बच्चे को मां के दूध के अलावा कोई भी बाहरी चीज न दें यहाँ तक की पानी भी नहीं। इस मौके पर जसराना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. विमल उपाध्याय, डॉ. कृति, डॉ. प्रियंका, डीसीपीएम रवि कुमार, जिला मातृ स्वास्थ्य सलाहकार प्रदीप कुमार आदि ने कार्यक्रम को सफल बनाने के बारे में जरूरी सुझाव दिए। प्रतिभागियों ने यह भी सुझाव दिया कि कार्यक्रम से स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को भी जोड़ा जाना चाहिए। कार्यक्रम में फिरोजाबाद मेडिकल कालेज के प्राचार्य डॉ. योगेश कुमार गोयल ने डायरिया के प्रति जागरूकता पर बल दिया और भ्रांतियों को दूर करने का भी सुझाव दिया।

इस मौके पर एसीएमओ (प्रजनन एवं बाल स्वास्थ्य) और जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. के.के वर्मा, नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. नरेंद्र, जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. बृजमोहन, डॉ. जी.सी. पालीवाल, डिविजनल अर्बन कंसल्टेंट इरशाद, जिला अर्बन कार्यक्रम प्रबन्धक प्रबल प्रताप के साथ ही यूनिसेफ समेत विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि, पीएसआई इंडिया से उप निदेशक कार्यक्रम समरेन्द्र बेहरा, अनिल द्विवेदी, दीपक तिवारी, उमाम फारूक, पंकज व अन्य उपस्थित रहे।

Post Views: 340
Advertisement

Imprint
Responsible for the content:
eastindiatimes.in
Privacy & Terms of Use:
eastindiatimes.in
Mobile website via:
WordPress AMP Plugin
Last AMPHTML update:
20.04.2025 - 03:39:14
Privacy-Data & cookie usage: