पूर्व भाजपा सांसद सुब्रत पाठक पर कार्रवाई न होने पर अनिश्चितकालीन सत्याग्रह पर बैठने जा रहे पूर्व आईपीएस और उनकी पत्नी को कन्नौज प्रशासन ने रोका

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रिपोर्ट राजेन्द्र सिंह धुआँधार) ईस्ट इंडिया टाइम्स

कन्नौज। पूर्व आईपीएस अधिकारी और आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर उनकी पत्नी नूतन ठाकुर सहित उनके साथ मौजूद कई लोगों को कन्नौज में सत्याग्रह शुरू करने से पहले ही कन्नौज जिला प्रशासन ने जिले की सीमा पर रोक दिया।उपरोक्त सभी लोग जिले के पूर्व बीजेपी सांसद सुब्रत पाठक पर लगे आरोपों पर कार्यवाही ना होने पर सत्याग्रह करने जा रहे थे।बताते चलें कि पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर के मुताबिक उन्होंने पूर्व बीजेपी सांसद पर 2 जून 2023 को घटी घटना के बारे में बताया कि पूर्व सांसद द्वारा उस दिन कन्नौज मंडी समिति में घुसकर पुलिस वालों को पीटा गया था,इसके अलावा चौकी इंचार्ज को जूतों से मारने की धमकी के अलावा फरवरी 2024 में हिंदू देवता को गली दी गई थी। इन आरोपों को लेकर प्रदेश सरकार से कार्यवाही की मांग की गई थी,लेकिन उनकी मांग पर कोई ध्यान नहीं दिया गया।इसके बाद एक बार फिर पूर्व आईपीएस द्वारा पूर्व सांसद पर कार्यवाही को लेकर बीती 16 जुलाई को पुनः प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर कार्यवाही की मांग की गई थी। कन्नौज जिला प्रशासन को भी अल्टीमेटम दिया गया था,कि अगर समय रहते पूर्व सांसद पर कार्यवाही नहीं होती है तो वह अपनी पत्नी सहित सेना के साथ कन्नौज मुख्यालय पर अनिश्चितकालीन सत्याग्रह शुरू करेंगे।आज 28 जुलाई को प्रस्तावित सत्याग्रह को लेकर पूर्व आईपीएस जैसे ही अपनी पत्नी नूतन ठाकुर सहित अन्य शैलेंद्र अस्थाना,शहजाद अली,रणजीत सिंह के साथ जिले की सीमा पर पहुंचे।तभी सी.ओ सदर कमलेश कुमार ने बड़ी संख्या में मौजूद पुलिस बल के साथ अमिताभ ठाकुर और उनके साथ मौजूद अन्य लोगों के जिले में आने पर रोक लगा दी।प्रशासन ने उपरोक्त लोगों को धारा 168 के तहत बी. एन.एस.एस.के तहत नोटिस थमा दिया।प्रशासन के अधिकारियों का कहना था कि जहां धरना प्रस्तावित है,वहां बाजार है, जिससे आम जनमानस की दिनचर्या और यातायात व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।इसके अलावा असामाजिक प्रकृति के कार्यकर्ताओं द्वारा नारेबाजी से भी इंकार नहीं किया जा सकता। इसके अलावा पूर्व आईपीएस और उनके साथ मौजूद साथियों के माध्यम से संज्ञेय अपराध किये जाने की भी सूचना है,जिससे कानून व्यवस्था की अप्रिय स्थिति उत्पन्न हो सकती है।इसलिए उपरोक्त लोगों को जिले में आने से रोक जाने का आदेश है,इस कारण नोटिस भी दिया गया है।जिला प्रशासन के उपरोक्त रुख और कार्यवाही को लेकर पूर्व आईपीएस का कहना था,कि उनकी न्याय के लिये लड़ी जा रही लड़ाई थमेगी नहीं,उपरोक्त मामले में कार्यवाही करवाकर ही शांत बैठा जा सकेगा।इसके अलावा अमिताभ ठाकुर ने दिये गये नोटिस और जिला प्रशासन की कार्यवाही को अलोकतांत्रिक आदेश बताया।इसके उपरांत पूर्व आईपीएस का काफिला जिले की सीमा से वापस लौट गया।उपरोक्त संधर्व में पूर्व बीजेपी सांसद सुब्रत पाठक का कहना था कि, उनके ऊपर लगाये गये आरोप निराधार हैं,उनके द्वारा कोसी से भी मारपीट नहीं की गई है,इसकी जांच भी की जा चुकी है।उनके खिलाफ षडयंत्र रचकर कुछ लोग सुर्खियों में रहने को यह सब कर रहे हैं।

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