अमेंडमेंट बिल से अधिवक्ताओं की स्वतंत्रता को सबसे बड़ा खतरा: राजेश पांडे
ईस्ट इंडिया टाइम्स ब्यूरो चीफ: आमिर हुसैन
उत्तराखंड
बाजपुर /उधमसिंह नगर: प्रस्तावित एडवोकेट अमेंडमेंट बिल, 2025′ के विरोध में आक्रोशित बाजपुर बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं विरोध प्रदर्शन कर कार्य बहिष्कार की घोषणा करते हुए चेतावनी देते हुए कहा जब तक केंद्र सरकार इस बिल को वापस नहीं कर लेती संघर्ष जारी रहेगा।जिला रुद्रपुर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष के निर्देश पर बाजपुर बार एसोसिएशन के राजेश कुमार पांडे ने अधिवक्ताओं साथ लेकर एक दिवसीय कार्य बहिष्कार करने का ऐलान किया। बाजपुर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश कुमार पांडे ने कहा उत्तराखंड सरकार द्वारा यूसीसी कानून मैं संशोधन करें जिसमें कोर्ट मैरिज,वसीयत एवं बैनामा,रजिस्ट्री पेपर लेस में संशोधन किया जाए। उन्होंने कहा अधिवक्ता अधिनियम 1961 में सरकार द्वारा प्रस्तावित हालिया संशोधन के खिलाफ देशभाराम में अधिवक्ताओं द्वारा जमकर विरोध किया जा रहा है। न्यायिक अभ्यास’ के प्रभावी कार्यान्वयन के नाम पर वकीलों की प्रैक्टिस के लिए खतरा हैं।अधिवक्ता कुलवंत उप्पल ने कहा इस कानून से अधिवक्ताओं की स्वतंत्रता को बड़ा खतरा है।
मुवक्किल अपने वकीलों पर मुकदमा कर सकते हैं।दुराचरण’ के कारण, मुवक्किल अपने वकीलों पर मुकदमा कर सकते हैं।परंपरागत रूप से,कानूनी पेशे में दुराचरण केवल पेशेवर नैतिकता के उल्लंघन तक सीमित रहा है,जैसे कि धोखाधड़ी,गलत बयानी,या मुवक्किल की गोपनीयता का उल्लंघन।हालिया प्रस्तावित संशोधन के तहत धारा 45 बी में ‘दुराचरण’की परिभाषा का विस्तार किया गया है,जिसमें वकील की कार्रवाई के कारण मुवक्किल को हुए वित्तीय नुकसान को भी शामिल किया गया है।उन्होंने कहा कि इस कानून में संशोधन नहीं किया गया तो अधिवक्ताओं का संघर्ष जारी रहेगा।इस मौके पर सुरेंद्र शर्मा,सूरज प्रकाश शर्मा,योगेश पाठक,अजीम अहमद,हीरा शर्मा,सुरजीत सिंह,इकबाल हुसैन,सरफराज अली,वसीम अकरम,मनोज शर्मा,विवेक चौबे, अनिकेत मैनी,सूरज सागर, दीपिका यादव सतनाम सिंह बहादुर भंडारी,विकास कश्यप, आदि मौजूद थे।