49 वी कार्य परिषद तथा 34वी वित्त समिति की बैठक विश्वविधालय के कुलपति प्रोफेसर अनिल कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई

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ईस्ट इंडिया टाइम्स ब्यूरोचीफ ताहिर कुरेशी मथुरा

मथुरा।। उत्तर प्रदेश पंडित दीन दयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय एवं गौ-अनुसंधान संस्थान, मथुरा की 49वीं कार्य परिषद तथा 34वीं वित्त समिति की बैठक आज दिनांक 1 अगस्त 2024 को विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अनिल कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में संपन्न हुई । बैठक का संचालन प्रोफेसर विकास पाठक अधिष्ठाता पशु चिकित्सा एवं पशुपालन महाविद्यालय के द्वारा कुलसचिव के दायित्वों का निर्वहन करते हुए किया गया। बैठक में मुख्य प्रस्ताव कार्य परिषद द्वारा विश्वविद्यालय के पशु चिकित्सा एवं पशुपालन महाविद्यालय के संकाय सदस्यों एवं नवीन महाविद्यालय डेरी साइंस तथा फिशरीज साइंस के अधिष्ठाता के पदों सहित कुल 28 शिक्षकों के पदों पर नियुक्ति के लिफाफे खोले गए । जिनको कार्य परिषद द्वारा अनुमोदन प्रदान किया गया। पशु चिकित्सा एवं पशुपालन महाविद्यालय के सात असिस्टेंट प्रोफेसर को एसोसिएट प्रोफेसर तथा दो एसोसिएट प्रोफेसर को प्रोफेसर के पद पर कैरियर एडवांसमेंट स्कीम (कैस) के अंतर्गत प्रोन्नति प्रदान की गई। साथ ही अन्य प्रस्ताव को भी कार्य परिषद द्वारा अनुमोदन प्रदान किया गया। कार्य परिषद की बैठक में मुख्य रूप से प्रमुख सचिव, पशुधन, उत्तर प्रदेश शासन के प्रतिनिधि के रूप में डॉक्टर नीरज कुमार गुप्ता, कार्यकारी अधिकारी, उत्तर प्रदेश पशुधन विकास परिषद, लखनऊ; सचिव, वित्त, उत्तर प्रदेश शासन के प्रतिनिधि के रूप में श्री मुन्ना लाल शुक्ल, वरिष्ठ कोषाधिकारी मथुरा; सचिव, उच्च शिक्षा, उत्तर प्रदेश शासन के प्रतिनिधि के रूप में डॉ. राजेश प्रकाश, क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी, आगरा मंडल आगरा; निदेशक, पशुपालन विभाग, उत्तर प्रदेश के प्रतिनिधि रूप में डॉ. योगेंद्र सिंह पवार एवं कार्य परिषद के अन्य सदस्य डॉ. जयंती प्रसाद अग्रवाल; डॉ. नीरव पटेल; डॉ. वी. के. सक्सेना के द्वारा बैठक में प्रतिभा किया गया। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर श्रीवास्तव के अथक प्रयासों के परिणामस्वरूप, अब तक उनके कार्यकाल में दो बार नियुक्ति प्रक्रिया सफलता पूर्वक संपन्न कराई गई। जिससे विश्वविद्यालय के मानव संसाधन में अपार वृद्धि हुई है, जो पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय में पठन-पाठन, शोध तथा प्रसार गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

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