ईस्ट इंडिया टाइम्स समाचार संपादक
सैय्यद जमाल अली
राजस्थान का जपाद सीहोर का ग्रामीण इलाका पानी के संकट से जूझ रहा है गांव में पानी की समस्या से गरीब परिवार ज़्यादा प्रभावित हैं. इस समस्या से निपटने के लिए शासन प्रशासन को कई बार सूचित भी किया जा चुका है प्रशासन का इस तरफ कोई ध्यान नहीं है राजस्थान में देश के जल संसाधनों का सिर्फ़ एक प्रतिशत हिस्सा ही उपलब्ध है.
भूजल स्तर घट रहा है.
कृषि रसायनों का अत्यधिक इस्तेमाल होने से भूजल संक्रमित हो रहा है.
फ्लोराइड युक्त पानी की वजह से लोगों को हड्डियों की बीमारियां हो रही हैं. पानी की समस्या से कई गांव प्रभावित है पानी की किल्लत से लोग परेशान हैं.
जोधपुर के लूणी विधानसभा क्षेत्र के उतेसर गांव में लंबे समय से पेयजल की समस्या है.
बूंद बूंद पानी के लिए मोहताज है नौजवान से लेकर, महिलाएं विकलांग, बुजुर्ग, बच्चे दिनभर बूंद बूंद पानी को लाने में जुटे हुए हैं अभी तो गर्मी की शुरुआती हुई है आनेवाले दिनों में जब ताप्ती धूप होगी पारा 40 डिग्री के ऊपर होगा पानी की इस जद्दो जहद से जूझ रहे ग्रामीण 2 किलोमीटर दूर से दर-दर भटकते फिरते बूंद बूंद पानी के लिए कहीं इस कुएं पर कहीं उस कुएं पर कहीं बैलगाड़ी से बाइक से साइकिल से पैदल पानी घर तक लाने जुटे हुए हैं मजदूर आदमी दिनभर मजदूरी छोड़कर दिनभर पानी ढोने में लगा देते हैं यह हालत बनी है नया रेगिस्तान की तरह इसकी आवाज किसान व ग्रामीणों द्वारा शासन से लेकर प्रशासन तक पहुंचाई भी जा चुकी है पानी के हालात और ही खराब होते जा रहे हैं,
क्या सरकार किसान,गरीब मदूर की आवाज़ को सोनेगी या फिर एक कान से सुन कर दूसरे कान से निकाल देगी या गरीब मजदूरों। को पानी की समस्या से निजात मिल सकेगी और कब मिलेगी