ईस्ट इंडिया टाइम्स रिपोर्ट आदिल अमान
कायमगंज/फर्रुखाबाद
रमजान मुबारक के आज 12 वे रोजे के अफ्तार के उपरांत रमजान के महत्व के बारे में जानकारी देते हुए रोजेदार जनाब हाजी नन्ने खा, रफी खा, हुज़ैफ़ खा, अर्सलान खा ने कहा कि रमजान में मुसलमानो को गुनाहों से बचना जरूरी है। एक तरफ मुसलमान रोजा रखते हैं तराबी का अहतमाम करते हैं। रोज में जिक्र तिलावत करते हैं। मगर उनके साथ गुनाहों का दरवाजा भी खुला हुआ है। जैसे टीवी, सीडी से आंखों से वधनिगाही, रोज की हालत में गाली देना, किसी की गीवत वगैराह करना ये ऐसे काम है जिससे रोजा खराब होता है। उन्होंने कहा कि अकलमंदी है कि इतनी मेहनत से नेकियां हासिल की जाएं और उन्हें बेवजह जरा सी नफ्सदारी के लिए बर्बाद कर दिया जाए। रमजान मुबारक की फजीलत बताते हुए फरमाया कि रमजान के महीने में अल्लाह तआला ने कुरान को नाजिल फरमाया। और उसके हर अमल को 70 गुना फरमा दिया गया। काबिले मुबारिक है वह शख्स जो रमजान की कदरदानी करके अपने आखिरत का इंतजाम कर ले। उन्होंने कहा कि रोजा ईमान को पुख्ता करता है और कुर्बानी का जज्बा पैदा करता है उन्होंने पवित्र रमजान के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि साल के 12 महीनो में यह एक महीना ट्रेनिंग का महीना है साल भर तक खाने-पीने के बाद इस माह में रोजा रखकर सब कुछ ठीक किया जा सकता है। रोजेदार के लिए हर वक्त हर पल रहमत ही रहमत है इस पाक महीने में फर्ज नमाजो का सवाब 70 गुना बढ़ा दिया जाता है। सभी मुस्लिम भाई सच्ची नियत और सच्चे दिल से रहमतों और बरकतों को हासिल करने की कोशिश करें।