गंगा में तीन दिन से फिर जल स्तर बढ़ने से ग्रामीणों में दहशत

schedule
2024-08-24 | 16:18h
update
2024-08-24 | 16:18h
person
eastindiatimes
domain
eastindiatimes.in

महेश वर्मा ईस्ट इंडिया टाइम्स रिपोर्ट।
कट री तौफीक गांव की कटी सड़क में भ रा है बाढ़ का पानी, पीड़ित गांव छोड़कर शाहजहांपुर मार्ग पर सड़क के किनारे झोपड़ी डालकर रहने को है मजबूर।

शमशाबाद फर्रुखाबाद। गंगा में तीन दिन से जलस्तर घटने के बाद शुक्रवार को फिर से बढ़ने लगा है। इससे बाढ़ प्रभावित गांव की लोगों में दह शत है। गांव में बिजली आपूर्ति भी ठप है। पशुओं को चा रा न होने से ग्रामीण दूर-दूर तक भटक रहे हैं। गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है। अभी भी कई सड़के खराब हैं जिसमें बाढ़ का पानी भरा हुआ है। अनिमे घुसकर ग्रामीण निकल रहे हैं। बढ़ते हुए जल स्तर को देखकर ग्रामीण अपने पक्के मकानों को तोड़कर सुरक्षित स्थान पर पहुंच रहे हैं। गांव में भरे हुए बाढ़ के पानी से ग्रामीणों को डर लगा रहता है की क ही अनहोनी की घटना ना हो जाए। प्रशासन का कोई भी अधिकारी एवं कर्मचारी गांव में नहीं पहुंचा है जिससे ग्रामीणों में नाराजगी है।
शमशाबाद ब्लॉक क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित गांव कट री तौफीक में सिविलियन स्कूल के नजदीक मुख्य मार्ग पर डामर की सड़क पर बाढ़ का पानी भरा हुआ है। इसमें घुसकर ग्रामीण लोग निकल रहे हैं। गंगा का जल स्तर बढ़ने के कारण गांव में स्थित स्कूल में भी पानी भरा हुआ है। जिस स्कूल में शिक्षक और बच्चे नहीं आ रहे हैं। गांव की पड़ोस गांव में विद्यालय के शिक्षक शिक्षण कार्य कर रहे हैं। विद्यालय के प्रधानाध्यापक राकेश यादव ने बताया कि 23 बच्चे ही स्कूल में पहुंच पाए हैं तथा अन्य बच्चे नहीं आ पाए हैं। बाढ़ का पानी बढ़ने से ग्रामीण काफी परेशान है। गंगा के बढ़ते जल स्तर को देखकर गंगा के किनारे रहने वाले ग्रामीणों ने अपने पक्के मकानों को फिर से तोड़ना शुरू कर दिया है जिससे कि इस मकान का म लावा स्वच्छ स्थान पर पहुंच रहे हैं तथा परिवार के लोग भी सुरक्षित स्थान पर पहुंच गए हैं। गांव के ग्राम प्रधान गोपीनाथ राजपूत ने बताया कि बाढ़ प्रभावित ग्रामीणों को प्रशासन द्वारा राहत सामग्री दी गई है तथा उनके द्वारा भी ऐसा संभव सहायता दी जा रही है वही लेखपाल नरेश चंद्र ने बताया की बाढ़ पर निरंतर नजर रखी जा रही है। वहीं कोटेदार पूनम राजपूत एवं प्रकाश चंद्र राजपूत ने बताया की इन बाढ़ प्रभावित लोगों को समय-समय पर राशन सामग्री भी दी जा रही है तथा उनके द्वारा यथासंभव मदद भी की जा रही है।
ढाई घाट गंगा नदी के पुल के पास रह रहे गांव स मेची पुर चिता र के नए गांव में भी बाढ़ का पानी भरा हुआ है। बाढ़ पीड़ित गांव छोड़कर शमशाबाद जलालाबाद हाईवे मार्ग पर सड़क के किनारे झोपड़ी डालकर रहने को मजबूर हो रहे हैं। जैसे तैसे उनकी गुजर बसर हो रही है। गांव की और लोग दूसरे स्थान पर चले गए हैं। सा धो सराय गांव में गंगा का जलस्तर बढ़ाने के कारण ग्रामीण लोग दूसरे स्थान पर रहने को मजबूर हैं। कं म थ री गांव में बाढ़ की आशंका के कारण बाढ़ पीड़ित लोग गांव में नहीं लौटे हैं। और दूसरे स्थान पर रहकर गुजर बसर कर रहे हैं। गांव में कुछ युवक देखने के लिए हैं जिस किसी का कोई नुकसान न होने पाए। सुल्तानगंज और कम थ री गांव के बीच बाढ़ का पानी भर गया है। ग्रामीणों को आने-जाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जमुनिया नगला से सैदपुर पिस तो र जाने वाले मार्ग पर बाढ़ का पानी भरा होने से बाढ़ पीड़ित ऑन और शिक्षकों को विद्यालय तक पहुंचाने के लिए पानी में घुसकर जाना पड़ता है। ग्रामीणों को डर है की गंगा का जलस्तर ऐसे ही बढ़ता रहा तो स्थिति खराब हो जाएगी। ग्रामीण पूरी तरह अलर्ट हो गए हैं। क्योंकि पूर्व में प्रशासन की ओर से जानकारी दी गई थी कि बांधों से भारी मात्रा में पानी छोड़ा गया है जो धीरे-धीरे करके गंदा और रामगंगा में आएगा वहीं प्रशासन की टीम में भी अपने-अपने क्षेत्र पर नजर रखे हुए हैं। एसडीएम रविंद्र कुमार का कहना है कि निकली इलाकों में राजस्व टीम पूरी तरह से नजर रखे हुए हैं। जहां दिक्कत होगी वहां उसका समाधान होगा लोगों को किसी भी कीमत पर परेशानी का सामना नहीं करने दिया जाएगा।

Advertisement

Post Views: 98
Advertisement

Imprint
Responsible for the content:
eastindiatimes.in
Privacy & Terms of Use:
eastindiatimes.in
Mobile website via:
WordPress AMP Plugin
Last AMPHTML update:
21.04.2025 - 04:30:51
Privacy-Data & cookie usage: