बाबा साहब की जयंती पर हुआ कवि सम्मेलन और वहीं झांकियों ने भी मन मोहा

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ईस्ट इंडिया टाइम्स रिपोर्ट आदिल अमान

कायमगंज/फर्रुखाबाद
बाबा साहब भीमराव अंबेडकर समिति चीनी मिल की ओर से संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की 134वीं जयंती बड़े ही धूमधाम और श्रद्धा के साथ मनाई गई। दिन में नगर में आकर्षक झांकियों का आयोजन किया गया, जिनमें डॉक्टर आंबेडकर के जीवन दर्शन और योगदान को जीवंत रूप में प्रस्तुत किया गया। शाम को समिति परिसर में विशाल भंडारे का आयोजन हुआ जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया।
देर रात कवि सम्मेलन की शुरुआत हुई। इससे पूर्व बाबा साहब की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया, साथ ही सभी आमंत्रित कवियों और कवयित्रियों का शाल ओढ़ाकर व माल्यार्पण कर सम्मान किया गया। विचार गोष्ठी के मंच से वक्ताओं ने अपने विचार प्रभावशाली ढंग से रखते हुए बाबा साहब के विचारों को आज के समय में प्रासंगिक बताया। वक्ताओं में प्रमुख रूप से प्रधानाचार्य रामगोपाल सिंह, राम सिंह गौतम, प्रधानाचार्य गौरव सिंह, राजेश शास्त्री, अजय पाल सिंह, मयंक सिंह ‘छोटू’, अरविंद कुमार, सीपी गौतम और प्रशांत वर्मा शामिल रहे। कवि सम्मेलन का शुभारंभ राष्ट्रीय कवि पवन बाथम ने बाबा साहब की वंदना से किया। इसके बाद मुरादाबाद से आईं शायरा जीनत मुरादाबादी ने अपनी ग़ज़लों और मुक्तकों से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने पढ़ा, क्यों खुशामद करूं उजालों की,
अपनी तक़दीर देख लेती हूं।
डॉ. सुनीत सिद्धार्थ ने अपने चुटीले व्यंग्य से दर्शकों को हँसी से लोटपोट कर दिया। उन्होंने कहा, जो टूट कर भी मुस्कुराएगा, एक दिन उबर कर फिर आएगा।
शायर राहत अली राहत ने सामाजिक संदेशों से ओतप्रोत ग़ज़लें सुनाईं, जहां नफरत की आंधी चल रही हो, वहां छोटी सी चिंगारी बहुत है। रायबरेली से आए हास्य कवि उत्कर्ष उत्तम ने राजनीतिक व्यंग्य प्रस्तुत करते हुए कहा, संग संग तेरे रहूंगा सदाचार की तरह,
खाने में रहूंगा तेरे अचार की तरह।सरकार की तरह तू चाहे जितना बदल ले,
पर मैं भी संग रहूंगा भ्रष्टाचार की तरह। युवा कवि सनोज ने कली और भंवरे के माध्यम से घमंड और प्रेम की व्याख्या की, वहीं वाराणसी से आईं अंतरराष्ट्रीय कवयित्री विभा शुक्ला ने प्रेमरस से सराबोर गीतों से समां बांध दिया, चाहती हूं दिल में बसा लूं तुझे, पास आओ के गले से लगा लूं तुझे। होके दीवानी तेरी बनूं राधिका, तू कहे तो मैं मोहन बना लूं तुझे।
इसका जवाब देते हुए प्रो. रामबाबू मिश्र रत्नेश ने कहा, यहां रोज करते हैं दहशत की बातें,
कहां लेकर बैठे मोहब्बत की बातें। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे गीतकार पवन बाथम ने अपने सुरीले अंदाज में मुक्तक, लोकगीत और गीतों की प्रस्तुति दी।
नगर पालिका अध्यक्ष डॉ. शरद गंगवार, पालिका के ईओ डॉ. लव कुमार मिश्र और निगम गंगवार मौजूद रहे।

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