ईस्ट इंडिया टाइम्स/कुलदीप दुबे
जसवंतनगर/इटावा। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया जिसमें मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना एवं शिक्षा का अधिकार अधिनियम की जानकारी दी गई। मलाजनी गांव के प्राइमरी स्कूल में आयोजित उक्त शिविर में बाल संरक्षण विशेषज्ञ प्रेम कुमार शाक्य ने बताया कि मार्च 2020 से अब तक पिता की मृत्यु होने पर सरकार बच्चों को मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के अंतर्गत ढाई हजार रुपए प्रतिमाह की आर्थिक सहायता प्रदान कर रही है वहीं अनाथ बच्चों को ₹4 हजार प्रतिमाह की आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। कोई भी पात्र बच्चा योजना के लाभ से वंचित न रह जाए इसके लिए हम सबको मिलकर प्रयास करने होंगे। पीएलवी अधिकार मित्र ऋषभ पाठक ने बताया कि हर बच्चे को 6 से 14 वर्ष की आयु तक मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार है। इसे भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21ए के तहत एक मौलिक अधिकार घोषित किया गया है। शिक्षा का अधिकार एक मौलिक अधिकार है, जिसका अर्थ है कि कोई भी बच्चा शिक्षा प्राप्त किए बिना नहीं रहेगा। पीएलवी अधिकार मित्र कु. नीरज शाक्य ने बताया कि सरकारी स्कूल सभी बच्चों को मुफ्त शिक्षा उपलब्ध कराएंगे, जबकि निजी स्कूल को कम से कम चौथाई बच्चों को बिना किसी शुल्क के नामांकित करना होगा। शिविर की अध्यक्षता प्रधानाचार्य विशुन सिंह कुशवाहा ने की तथा संचालन नीरज बाबू ने किया। शिक्षकगण पंकज कुमार आदि के अलावा सीएचओ उमा देवी, शीतल, विजय कुमारी, राजन श्री, बैकुंठी, रीना, पुष्पा, ममता आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।