फर्रुखाबाद।
भारत-पाकिस्तान सीमा पर ऑपरेशन ‘सिंदूर’ के बाद बढ़ते सैन्य तनाव ने देश के भीतरी हिस्सों तक सतर्कता का संचार कर दिया है। यूपी के फर्रुखाबाद जिले में जिला प्रशासन ने आपात स्थितियों से निपटने की दिशा में बेहद अहम कदम उठाते हुए जिले के सभी पेट्रोल पंपों को अनिवार्य ईंधन भंडारण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
गुरुवार को जिला पूर्ति अधिकारी सुरेंद्र कुमार यादव ने जिले के कई प्रमुख पेट्रोल पंपों का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने न केवल स्टॉक रजिस्टरों की गहनता से जांच की, बल्कि फायर सेफ्टी, कर्मचारियों की उपस्थिति, और आपूर्ति व्यवस्था के सभी पहलुओं को भी परखा।
हर पंप पर 2000 लीटर पेट्रोल और 5000 लीटर डीजल अनिवार्य।
निरीक्षण के दौरान पूर्ति अधिकारी ने सख्त शब्दों में निर्देश दिया कि जिले के किसी भी पेट्रोल पंप पर स्टोरेज टैंक खाली नहीं मिलने चाहिए। उन्होंने कहा कि,”कोई भी पंप आपात स्थिति में लोगों को ईंधन से वंचित न करे। हर पंप पर न्यूनतम 2000 लीटर पेट्रोल और 5000 लीटर डीजल का स्टॉक हर समय मौजूद रहना चाहिए। यह केवल एक प्रशासनिक आदेश नहीं, बल्कि जनता की सुरक्षा से जुड़ा मसला है।”
श्री राधा रानी फिलिंग स्टेशन और प्रीतम सिंह फिलिंग स्टेशन पर निरीक्षण के दौरान कुछ पंपों पर स्टॉक अपडेट में अनियमितता और सुरक्षा उपकरणों की कमी पाई गई। पूर्ति अधिकारी ने वहां मौजूद पंप प्रबंधकों को 24 घंटे के भीतर व्यवस्था दुरुस्त करने का अल्टीमेटम दिया।
स्थिति की गंभीरता को समझें पंप संचालक: प्रशासन
पूर्ति अधिकारी सुरेंद्र कुमार यादव ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर की पृष्ठभूमि में पूरे देश को हाई अलर्ट पर रखा गया है। सीमावर्ती क्षेत्रों से आने वाली आपूर्ति लाइनों पर असर पड़ सकता है। इसलिए ज़रूरी है कि जिले में किसी भी प्रकार की अफरा-तफरी या ईंधन संकट की स्थिति उत्पन्न न होने पाए।
निरीक्षण अभियान में क्षेत्रीय अधिकारी (आरओ) अनिल यादव और राजीव कुमार भी अधिकारी के साथ मौजूद रहे। इन अधिकारियों ने प्रत्येक पंप के दस्तावेज, डिजिटल रजिस्टर और टैंकर लॉग की भी बारीकी से जांच की।
जनता में भी बढ़ी जागरूकता
जिला प्रशासन की इस तत्परता को स्थानीय नागरिकों और सामाजिक संगठनों ने भी सराहा है। कई स्थानों पर लोगों ने सोशल मीडिया के जरिए प्रशासन के इस फैसले का समर्थन किया और पेट्रोल पंप संचालकों से भी सहयोग की अपील की।
क्या है ऑपरेशन सिंदूर?
बताया जा रहा है कि ऑपरेशन सिंदूर सीमा पर भारत की सैन्य कार्रवाई से जुड़ा विशेष अभियान है, जिसमें दुश्मन की गतिविधियों पर करारा जवाब देने के लिए सुरक्षाबलों को पूरी तरह सक्रिय किया गया है। इससे जुड़ी सूचनाओं को लेकर सुरक्षा एजेंसियां बेहद गोपनीय तरीके से काम कर रही हैं, लेकिन हालात को देखते हुए देशभर में सिविल व्यवस्थाएं भी सशक्त की जा रही हैं।