किसान सरकार को किसी भी कीमत पर भूमि नहीं देंगे भले ही उन्हें अपनी जान की कुर्बानी देनी पड़े:करम सिंह पड्डा
ईस्ट इंडिया टाइम्स ब्यूरो चीफ:आमिर हुसैन
उत्तराखंड
बाजपुर/ उधमसिंह नगर: 20 गांव की 5838 एकड़ भूमि के अधिकारों की मांग सहित पांच सूत्र मांगों को लेकर भाकियू के आक्रोशित किसानों ने भाकियू के प्रदेश अध्यक्ष करम सिंह पड्डा के नेतृत्व में मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन एसडीएम डॉक्टर अमृता शर्मा के माध्यम से भेज कर कार्रवाई करने की मांग की। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा किसान किसी भी कीमत पर अपनी भूमि नहीं छोड़ेंगे अपनी जाने की कुर्बानियां भी देनी पड़ी तो किसान इससे पीछे नहीं हटेंगे।भाकियू के प्रदेश अध्यक्ष करम सिंह पड्डा ने कहां 20 गांव की 5838 एकड़ भूमि को लेकर किसान 4 साल से परेशान है उन्होंने कहा कि छह बार मुख्यमंत्री ने मुझे आश्वासन दिया कि आपके भूमि अधिकार वापस कर दिए जाएंगे लेकिन आज तक सरकार भूमि अधिकार किसानों को नहीं दे पाई। उन्होंने कहा जो वर्ग 4 तथा वर्ग ख व अन्य वर्गों की जमींन के भूमिधरी अधिकार दिये जाये। हजारों किसान 50 साल से अपनी जमींन पर खेती करते चले आ रहे है।जो जमींन वर्ग 4 की थी,उस जमींन को वर्ग 5 मे दिखाकर बंजर भूमि कर दिया है। हमारा सरकार से निवेदन है कि ये भूमि जिन किसानों की है, उन्ही को वापस कर भूमिधरी अधिकार दिये जाये।किसान इस जमींन को किसी कीमत पर नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने कहा उत्तर प्रदेश, पंजाब,हरियाणा में टयूबैल बिल माफ है।उत्तराखण्ड में मात्र तीन जिलों में टयूबैल है। हमारे ट्यूबवेल बिल भी इन्हीं राज्यों की तर्ज पर माफ किए जाएं।वर्तमान में गन्ने का रेट बहुत कम है, खर्चे बहुत बढ गये है। मुख्यमंत्री से अनुरोध करते हैं गन्ने का रेट कम से कम 500 रू0 प्रति कुंतल होना चाहिये। अगर सरकार ने अगले वर्ष गन्ने के रेट पर गम्भीरता से न सोचा तो अगले वर्ष किसान गन्ने की फसल नहीं लगाएंगे।जिसका खामियाजा शुगर फैक्ट्रीयों को झेलना पडेगा। इस मौके पर हरप्रीत सिंह निज्जर,जोगिंदर सिंह,प्रताप सिंह संधू,गुरदीप सिंह,मनमोहन सिंह, निर्मल सिंह,विक्रम सिंह गोराया आदि मौजूद रहे।