वैदिक विचारधारा को आत्मसात करने से होगा मानव कल्याण: स्वामी आत्मानंद

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ईस्ट इंडिया टाइम्स
रिपोर्ट विरेन्द्र तोमर।

बागपत/ बडौत/बिनौली क्षेत्र के गांव बरनावा में स्थित महृषि वेद व्यास वानप्रस्थ आश्रम परिसर में बुधवार को पूर्णिमा के अवसर पर स्वस्ति यज्ञ हुआ। जिसमे श्रद्धालुओं ने आहुति देकर धार्मिक लाभ अर्जित किया। श्रद्धालुओं को वेदोंपदेश देते हुए वैदिक विद्वान स्वामी आत्मानंद ने कहा वेद परमात्मा की वाणी है। संसार का समस्त ज्ञान विज्ञान वेदों में समाहित है। वेद मार्ग को आत्मसात करने पर ही मानव का कल्याण हो सकता है। यज्ञ हमारी प्राचीन ऋषि परंपरा की पहचान है। जिसको करने से जहां पर्यावरणीय प्रदूषण दूर होता है, वहीं वेद मंत्रों के उच्चारण से आत्मिक उन्नति भी होती है। स्वामी ग्रीश मुनि ने कहा कि याज्ञिक जीवन को सर्वोपरि बताते हुए कहा कि संसार में जितनी भी समस्याएं हैं उन सभी समस्याओं का समाधान केवल यज्ञ है। आयोजन में आचार्य धर्मवीर
आर्य व कृष्ण मुनि ने देश भक्ति के भजन प्रस्तुत किए। स्वामी इंद्रमुनि, सोनिका आर्य, विष्णु त्यागी, युगराज सिंह सहरावत, विजय कुमार भाईजी, सुरेश राणा, अजय त्यागी, सुभाष त्यागी, सुमित, धनुषपाल कश्यप, जनेश्वर, रामरति, बबीता आदि मौजूद रहे।

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