स्वास्थ्य के लिए सहजन एक चमत्कारी पौधा : डॉ वी. के. कनौजिया

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ईस्ट इंडिया टाइम्स राजेन्द्र सिंह धुआँधार कन्नौज।

पोषण माह के अवसर पर कृषि विज्ञान केंद्र के अध्यक्ष डॉ वी. के. कनौजिया ने बताया कि सहजन एक चमत्कारिक पौधा है भारत में सहजन को कई और नामों से भी जाना जाता है जैसे मुनगा, सहजना,सेजन, सुजना, मोरिंगा, ड्रमस्टिक आदि । इसमें कई तरह के गुण होते हैं, जिसके कारण यह काफी प्रसिद्ध है। यहाँ सहजन की खेती व्यापक रूप में की जाती है। इसमें पाए जाने वाले औषधीय गुणों के कारण इसका उपयोग पूरे विश्व में खाने में स्वाद बढ़ाने से लेकर इसकी सब्जी और सूप बनाने में भी किया जाता है। बहुत से लोग इसको करी, सूप, सांभर या फिर अचार बना कर भी खाते हैं।इसके पत्ते, फल और फूल मनुष्य एवं पशुओं के लिए आवश्यक पोषक तत्वों का भंडार हैं।केंद्र की वैज्ञानिक डॉ चंद्रकला यादव ने बताया कि यह कम उपजाऊ और कम पानी वाले क्षेत्र में भी आसानी से हो जाता है। यह कई पोषक तत्वों और विटामिनों से भरपूर होते। इसकी पत्तियाँ विटामिन, एंटीऑक्सीडेंट और खनिजों से भरपूर होती हैं। इसकी पत्तियां विटामिन ए, बी1, बी2, बी6, सी और फोलेट का समृद्ध स्रोत हैं। डॉ यादव ने जानकारी दी कि सहजन की ताजी पत्तियों में संतरे से सात गुना ज़्यादा विटामिन सी,गाजर से चार गुना ज़्यादा विटामिन ए, दूध से चार गुना ज़्यादा कैल्शियम, केले से तीन गुना ज़्यादा पोटैशियम, पालक से तीन गुना ज़्यादा आयरन, दही से दो गुना ज़्यादा प्रोटीन, और बादाम से तीन गुना ज़्यादा विटामिन ई पाया जाता है*। इन सभी विटामिनों और खनिजों के कई स्वास्थ्य लाभ हैं *सहजन को खाने के फ़ायदे* 1. *हड्डियों को मजबूत बनाता है*सहजन में कैल्शियम, आयरन और फास्फोरस पाया जाता है, जो बढ़ते बच्चों की हड्डियों को मजबूत बनाने के साथ बुजुर्गों में बोन डेंसिटी के खतरे को कम करता है, जिससे ऑस्टियोपोरोसिस के लक्षण कम होते हैं।2. *इम्यूनिटी मजबूत करे*सहजन में भरपूर मात्रा में विटामिन सी के साथ एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं, जो सामान्य संक्रमणों से बचाने में मदद करता है। वहीं सहजन में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-बैक्टीरियल गुण पाए जाते है, जो अस्थमा, खांसी, और अन्य श्वसन समस्याओं के लक्षणों को कम करने में सहायता करते हैं। 3.*पाचन-तंत्र के लिए फायदेमंद*सहजन खाने से पाचन से जुड़ी कई समस्याएं दूर होती है। सहजन में थायमिन, राइबोफ्लेविन, नियासिन और विटामिन बी 12 पाया जाता है, जो यह कार्ब्स, प्रोटीन और वसा को तोड़ने के साथ पाचन प्रक्रिया में सहायता करता है। 4. *उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करता है*सहजन में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स हृदय में रक्त और पोषक तत्वों के सर्कुलेशन में सुधार करता है, जिससे उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। 5. *किडनी के लिए फायदेमंद*सहजन के सेवन से गुर्दे और मूत्राशय में पथरी के विकास को कम करने में मदद मिलती है। *सहजन के औषधीय गुण*सहजन का फूल पेट और कफ रोगों में, इसकी फली वात व उदरशूल में, पत्ती नेत्ररोग, मोच, साइटिका, गठिया आदि में उपयोगी है। इसकी छाल का सेवन साइटिका, गठिया, लीवर में लाभकारी होता है। सहजन के छाल में शहद मिलाकर पीने से वात और कफ रोग खत्‍म हो जाते हैं। इसकी पत्ती का काढ़ा बनाकर पीने से गठिया, साइटिका, पक्षाघात, वायु विकार में शीघ्र लाभ पहुंचता है। साइटिका के तीव्र वेग में इसकी जड़ का काढ़ा तीव्र गति से चमत्कारी प्रभाव दिखता है। मोच इत्यादि आने पर सहजन की पत्ती की लुगदी बनाकर सरसों तेल डालकर आंच पर पकाएं और मोच के स्थान पर लगाने से जल्‍दी ही लाभ मिलने लगता है।

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