‘‘स्कूल पेयरिंग नीति‘‘ स्कूलों को बंद करने के लिए अपितु उन्हे और बेहतर बनाने के लिए है

जिलाधिकारी

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आज के समय में बच्चों के लिए संस्कृति, संस्कार और तकनीकी बेहद आवश्यक है, जो स्कूल पेयरिंग नीति से ही सम्भव है- जिलाधिकारी

फिरोजाबाद । उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गयी ‘‘स्कूल पेयरिंग नीति‘‘ को लेकर जिलाधिकारी रमेश रंजन की अध्यक्षता मुख्य विकास अधिकारी शत्रोहन वैश्य व जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी आशीष कुमार पाण्डेय की उपस्थिति के साथ-साथ खण्ड शिक्षाधिकारियों और विभिन्न क्षेत्रों से आए अध्यापकों की उपस्थिति में कलैक्ट्रेट सभागार कक्ष में बुधवार को एक बैठक का आयोजन किया गया।

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उपस्थित शिक्षकों की प्रशंसा करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि, शिक्षा की गुणवत्ता में विशिष्ट बदलाव किया गया है और यह बदलाव विगत 5-7 सालों में सबसे अधिक है, अब सरकार के प्रयासों से गरीब बच्चों का दाखिला भी अच्छे स्कूलों में हो रहा है, ‘‘स्कूल पेयरिंग नीति‘‘ बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की ओर सरकार द्वारा उठाया गया महत्वपूर्ण कदम है। यहां, यह समझने की जरूरत है कि, यह व्यवस्था स्कूल को बंद करने की नही, बल्कि जिन, स्कूलों में बच्चों की संख्या बहुत कम है, उन्हें दूसरे स्कूलों में शिफ्ट करने से कक्षाएं पूरी तरह भरी होंगी।

कक्षाओं में विद्यार्थियों की संख्या पर्याप्त होने से बेहतर सहपाठी संवाद और सामूहिक गतिविधियों में बढ़ोत्तरी होगी, हर विषय के लिए शिक्षकों की उपलब्धता हो सकेगी, संसाधनों का प्रभावी और स्मार्ट उपयोग हो सकेगा, इस नीति के तहत एक स्कूल को प्री-प्राइमरी के लिए और दूसरे को प्राइमरी व मिडिल क्लासेज (कक्षा 1 से 5/8) तक के लिए नामित किया जा रहा है, इन स्कूलों में प्राइवेट स्कूलों जैसी आधुनिक सुविधाऐं जैसे, कम्प्यूटर लैब, खेल का मैदान, स्मार्ट क्लास आदि उच्च स्तरीय सुविधाऐं उपलब्ध कराई जा रही है, प्रत्येक पेयर्ड विद्यालय में पर्याप्त शिक्षक तैनात किए जाएंगे, जिससे शिक्षा का स्तर व गुणवत्ता दोनो सुधरेगी।

जिलाधिकारी को अवगत कराया गया कि, जनपद में 162 स्कूल है, जिनका पेयरिंग किया जाना है, इस दौरान जिलाधिकारी ने विभिन्न क्षेत्रों से आऐ अध्यापको से भी वार्ता की, साथ ही साथ शिक्षक संघों में महिला शिक्षक संघ, प्राथमिक शिक्षक संघ, राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ इत्यादि के अध्यक्षोें से भी इसके सम्बन्ध में उनकी राय जाननी चाही, सभी ने एक स्वर से इस नीति की सराहना की, और सभी ने एक स्वर से कहा कि इस नीति के आने से शिक्षा की गुणवत्ता में व्यापक सुधार होगा, साथ ही साथ शिक्षक और छात्र दोनो की परेशानियां भी दूर होंगी, जिलाधिकारी ने कहा कि आज के समय में संस्कृति, संस्कार और तकनीकी बच्चों के लिए बेहद जरूरी है, जो इस दूरदर्शी और दूरगामी नीति से ही सम्भव होगी।

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