ईस्ट इंडिया टाइम्स रिपोर्ट सौरभ अग्रवाल
फिरोजाबाद । विश्वास की नाज़ुक डोर के बंधन से बंधा पति-पत्नी का यह पवित्र रिश्ता, जो, अटूट माना जाता है। लेकिन, इस आधुनिक दौर में आपसी समझ की कमी, विश्वास की कमी, एक-दूसरे के प्रति सम्मान की कमी, संतान की अप्राप्ति और परिजनों का दोनों पति-पत्नी के व्यक्तिगत जीवन में हस्तक्षेप आदि कारणों के चलते ज्यादातर परिवारों में टूटने की कगार पर पहुंच चुके हैं। यहां तक कि, छोटे-मोटे आपसी मनमुटाव, परिजनों का पति पत्नी के व्यक्तिगत जीवन में ज्यादा हस्तक्षेप करने से भी दोनों के रिश्ते में खटास पैदा हो जाती है। यदि सही समय रहते हुए उन्हें ना समझाया जाए तो परिवार टूट ही जाता है।
ऐसा ही एक मामला थाना टूंडला में उस समय देखने को मिला जब, महिला रिपोर्टिंग चौकी प्रभारी अलवीना पठान के समक्ष एक महिला आई और उसने अपनी समस्या बतायी। उसने बताया कि, उसका काल्पनिक नाम अर्चना पुत्री रूपेंद्र निवासी टूंडला है और उसकी शादी करीब 11 वर्ष पूर्व जनपद अलीगढ़ के बन्ना क्षेत्र निवासी राघवेंद्र सिंह के पुत्र अर्जुन के साथ हुई थी। किसी कारणवश दोनों के पास कोई संतान नहीं थी। जिस कारण महिला ने अपनी बड़ी बहन की एक बच्ची को गोद ले लिया। इसके चलते महिला की सास, अपने बेटे बहु दोनों की व्यक्तिगत जीवन में ज्यादा दखलअंदाजी करने लगी। जिस कारण दोनों पति पत्नी के बीच आपसी मतभेद बढ़ते चले गए। यहां तक कि शादी के 11 साल होने के बाद भी दोनों लोग अलग-अलग होने की कगार पर थे। लेकिन अर्चना के मन में एक उम्मीद थी, जिस कारण काफी समय से अपने मायके में रहने के बावजूद भी वह महिला रिपोर्टिंग चौकी प्रभारी अलवीना पठान के समक्ष अपनी समस्या को लेकर आई थी।
समस्या को गंभीरता से लेते हुए चौकी प्रभारी महिला उप निरीक्षक अलवीना पठान ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दोनों पक्षों को चौकी पर बुलाकर काउंसलिंग की तथा, पति-पत्नी एक दूसरे के पूरक हैं, के भाव का एहसास कराते हुए दोनों पक्षों को समझाया गया। दोनों पक्षों ने अपनी अपनी गलतियों का एहसास करते हुए एक दूसरे के साथ रहने का वचन लिया। दोनों पक्ष पुलिस का धन्यवाद करते हुए चौकी से हंसी खुशी रवाना हुए।