सरकार किसानों को गन्ने का 500 प्रति कुंतल का भुगतान करें:गणेश उपाध्याय

schedule
2024-11-29 | 16:05h
update
2024-11-29 | 16:05h
person
Jamal Ali Khan
domain
eastindiatimes.in

ईस्ट इंडिया टाइम्स ब्यूरो चीफ: आमिर हुसैन

उत्तराखंड
बाजपुर /उधमसिंह नगर: तहसील में गन्ने का मूल्य 500 प्रति कुंतल मांग को लेकर भाकियू के प्रदेश अध्यक्ष करम सिंह पड्डा व कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता डॉ० गणेश उपाध्याय ने किसानों के साथ बैठक कर सरकार को चेतावी देते हुए कहा है जल्द ही 500 प्रति कुंतल गन्ने का मूल्य भुगतान नहीं किया गया तो किसान आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे।भाकियू के प्रदेश अध्यक्ष करम सिंह पड्डा व कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता डॉ० गणेश उपाध्याय ने कहां उत्तराखण्ड में लगातार चीनी उत्पादन में कमी देखने को मिली है।वही पक्की खेती के नाम से मशहूर गन्ना फसल से किसान दूरी बनाते नजर आ रहें है। जिले में गन्ने का रकबा भी लगातार घट रहा है।जिसका मुख्य कारण खेत की जुताई से लेकर चीनी मिल तक गन्ना पहुंचाने में मंहगाई ने किसान की कमर तोड़ दी है। डीजल की कीमतों में भारी बढ़ोत्तरी,मंहगाई से गन्ना की जुताई में 12 हजार रू०,बीज 16 हजार रु०,बीज शोधन पर 7 हजार रू०, गन्ना बुवाई व लेबर 10 हजार रु०, निराई गुड़ाई 12 हजार रु, सिंचाई पर 6 हजार रु०,दवाई खाद पर 15 हजार रु, देखभाल साफ सफाई पर 2 हजार रु, कटाई पर 18 हजार रु,गन्ना ढ़ुलाई पर 9 हजार रु समेत प्रति एकड़ में 300 कुंतल गन्ने की फसल उत्पादन पर लगभग 1 लाख 7 हजार रू का खर्च आ रहा है। जबकि नवीन गन्ना मूल्य के अनुसार लगभग 1 लाख 12 हजार रू० प्रति एकड़ किसानों को सरकार द्वारा दिया जा रहा हैं। जिससे किसानों को मात्र 5 हजार रु० प्रति एकड़ की ही बचत हो पा रही है। जब की किसान अपने प्रतिदिन की मेहनताई नहीं जोड़ रहा है। परंतु यदि किसान जमीन लीज 40 हजार पर लेकर गन्ने की खेती करना चाहे तो गन्ने की फसल लगभग ड़ेढ़ साल में तैयार हो पाती है।इस समय प्रति एकड़ लीज लगभग 40 हजार है जिस कारण किसान को 1 बार की फसल में लगभग 35 हजार रू का नुकसान होता है।जहां 25 वर्ष पूर्व तराई क्षेत्रों की तहसीलों के बड़े रकबे में भारी मात्रा में गन्ने की खेती होती थी।परन्तु आज बहुत ही कम रकबे में ही गन्ने की बुवाई की जा रही है।एमएसपी बड़ा मुद्दा है। भले ही कृषि कानून वापस हो गया हो, लेकिन एमएसपी पर फसल का मूल्य मिलना बेहद जरूरी है।इस अवसर पर मलुक सिंह,सिकंदर सिंह,लाखन सिंह,जोगेंद्र सिंह ,हरप्रीत सिंह निज्जर,बलदेव सिंह,दरबार सिंह,जसपाल सिंह, दिलेर सिंह रंधावा,जसप्रीत सिंह, महिपाल सिंह बोरा आदि थे।

Advertisement

Post Views: 75
Advertisement

Imprint
Responsible for the content:
eastindiatimes.in
Privacy & Terms of Use:
eastindiatimes.in
Mobile website via:
WordPress AMP Plugin
Last AMPHTML update:
08.04.2025 - 18:15:30
Privacy-Data & cookie usage: