बबलू घाट में कैलाश माइनिंग कंपनी ने शुरु किया खनन

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Jamal Ali Khan
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मशीनों से चुगान होने से स्थानीय खनन कारोबारियों से टकराव की संभावना बढ़ी

स्थानीय खनन कारोबारी कर रहे उच्च न्यायालय जाने की तैयारी

ईस्ट इंडिया टाइम्स ब्यूरो चीफ: आमिर हुसैन

उत्तराखंड
बाजपुर/ उधमसिंह नगर: बाजपुर में कोसी नदी के बबलू घाट के समीप कैलाश माइनिंग कंपनी ने शासन से मिले पट्टे के तहत खनन कार्य शुरू कर दिया है। कम्पनी द्वारा नियमानुसार चुगान के स्थान पर ट्रैक्टर चलित मशीनों में खनन किये जाने, बिना वैध मिन्द्रीकरण किये खनन कार्य शुरू किये जाने को लेकर स्थानीय खनन कारोबारियों तथा बागपनी के मध्य टकराव की सम्भावनाएँ बढ़ गयी है।
कोसी नदी में वाहनों से खनन कराती कैलाश माईनिंग कम्पनी
कम्पनी के खिलाफ लामबंद हुए स्थानीय खनन कारोबारियों ने स्थानीय प्रशासन प व पुलिस स्तर से मदद नहीं मिलने पर मामले की उम्ब न्यायालय तथा एनजीटी में ले जाने की तैयारियां शुरू कर दी है।
प्रदेश में शासन की राह पर पहले अवैध खनन पर अंकुश लगाने के लिये खनन कारोबार में घुसी कैलाश माइनिंग कम्पनी ने जल्द ही समूचे प्रदेश के खनन विभाग पर अपना आधिपत्य जमाने के चाद अब स्वयं
कैलाश माइनिंग कम्पनी के इस नये अवतार के चाद स्थानीय खनन कारोबारी अपने को उगा सा महसूस कर रहे हैं। स्थानीय कारोबारियों ने बताया कि एक तरफ प्रदेश सरकार बाहरी प्रदेश से जमीनें खरीदने वालों के खिलाफ उनकी जमीनें छीन रही है दूसरी तरफ अपने ही प्रदेश के लोगों के रोजगार को बाहरी प्रदेश के लोगों के हाथों सौंप कर प्रदेश की खनिज सम्पदा का दोहन करवाने से नहीं चूक रही है।
खनन कार्य करने का रास्ता तैयार कर लिया है। प्रदेश की धामी सरकार ने तेलांगना प्रदेश की कैलाश माईनिंग कम्पनी को कोसी नदी में बड़े बड़े पट्टे देकर उन्हें स्थानीय खनन कारोबारियों के सापेक्ष खनन करने का दांव खेल दिया है। इसी को लेकर रविवार को सम्बंधित कम्पनी ने बबलू घाट के समीप अपना अड्‌डा बनाते हुए पहले ही दिन नदी में दर्जनों ट्रैक्टर चलित कराहे सरीखी मशीनें चल कर खनन कार्य करना शुरू कर दिया है।
खनन करोबारी कर्मजीत सिंह ने सीधा आरोप लगाया कि स्थानीय प्रशासन और पुलिस की छाया में खनन कम्पनी ने सीधे सीधे सक्षम न्यायालय के दिये निर्देशों तथा प्रदेश की प्रचलित खनन नीति को ताक पर रख कर करादों से खनन करना शुरू कर दिया है। उन्होंने हरित व्यक्त करते हुए कहा कि खनन से पहले जहां आम खनन पट्टेधारक को मिले पट्टे की
तस्दीक के बाद उसकी चौहद्‌दी का चिन्हीकरण व ध्वजीकरण किया जाता था उसको भी प्रशासन तथा खनन अधिकारियों ने दरकिनार कर उन्हें कोसी में कहीं से भी खनन करने की छूट प्रदान कर दी है। खनन करोबारी राजबीर सिंह चीमा, रक्षपाल सिंह तथा नवदीप कंग ने कहा कि जिस स्थार पर कम्पनी ने कोसी में खनन करना शुरु किया है यह स्थल कोसी बंधे से मात्र एक सौ मीटर ही दूर है और ऐसे में आने वाली जरसात में कोसी बंधा और उस के आगे आने वाले उथाम ग्रामीण क्षेत्र भयंकर बाढ़ के दायरे में आ गये हैं। खनन करोबारी बलविंदर सिंह ने कहा कि कंपनी ने ट्रैक्टर चालित कराहों का इस्तेमाल करने से कोसी नदी के प्राकृ‌तिक प्रवाह और पर्यावरणीय तंत्र को भी संकट में दाल दिया है। उन्होंने कहा कि ट्रैक्टर चालित कराहों के उपयोग से नदी के जलस्तर और इकोसिस्टम की भारी
नुकसान पहुंचने की आशंका बन गयी है। स्थानीय खनन कारोबारियों ने आरोप लगाया है कि इस तरह की मनमानी छोटे व्यवसायों के लिए घातक साचित हो रही है। सभी स्थानीय खनन कारोबारियों ने प्रशासन और पुलिस से तुरंत हस्तक्षेप करने और नदी के प्राकृतिक संतुलन को बधाये रखने की मांग की है। इन कारोबारियों ने बताया कि वे कम्पनी द्वारा की जा रही प्रायेक अनियमितताओं की फुटेज एकत्रित कर अपने कारीयार की रक्षा के लिये उच्थ न्यायालय तथा राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण में जाने की तैयारी करनी शुरु कर दी है। कोसी नदी में सरकार को वरदहस्त प्रात कैलाश माइनिंग कम्पनी तथा स्थानीय खनन कारीवारी व ट्रांसपोटरों के मध्य शुरू हो चुकी जुगलबंदीने कोसी खनन परिक्षेत्र का तापमान बढ़ा दिया है। प्रकरण सर्वत्र चर्चा का विषय कना हुला है।

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