ईस्ट इंडिया टाइम्स राजेन्द्र सिंह धुआँधार
कन्नौज। जिला जेल के बंदी भी हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षा दे सकेंगे। राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआइओएस) ने पांच वर्ष की अस्थाई मान्यता जिला जेल को दी है। जेल अधीक्षक को संस्थान ने केंद्र का समन्वयक बनाया गया है। नवीन सत्र के लिए बंदियों के पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जेल में बंदियों की शिक्षा व साक्षरता पर विशेष पहल की जा रही है। निरक्षर बंदियों को साक्षर बनाने काम काफी समय से चल रहा है। वर्तमान में 58 निरक्षर बंदी कक्षाओं में पढ़ना-लिखना सीख रहे हैं। कक्षा पांच व आठ की पढ़ाई के लिए बंदियों का पास के परिषदीय विद्यालय में पंजीकरण कराया जा चुका है। हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की शिक्षा को लेकर जेल अधीक्षक अकरम खान काफी समय से प्रयासरत थे।राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान ने पांच वर्ष की अस्थाई मान्यता जिला जेल को दी है। अब बंदी भारत सरकार के इस बोर्ड के माध्यम से जेल रहकर ही हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की शिक्षा ग्रहण कर सकेगें। केंद्र का समन्वयक जेल अधीक्षक अकरम खान व सहायक के रूप में लिपिक पंकज कुमार को नियुक्त किया गया है। राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान से संचालित केंद्र में अक्टूबर 2025 में हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षा होगी। जेल अधीक्षक ने बताया कि इसके लिए बंदियाें के पंजीकरण का काम शीघ्र ही शुरू कर दिया जाएगा।