ईस्ट इंडिया टाइम्स ब्यूरो चीफ: आमिर हुसैन

उत्तराखंड
बाजपुर/ उधमसिंह नगर: ग्राम हरिपुरा हरसान में पर्वतीय सांस्कृतिक मंच द्वारा हर वर्ष की भांति रामलीला का मंचन किया जाएगा।रामलीला मंचन में स्थानीय लोगों द्वारा पत्रों की भूमिका निभाई जाती है पात्रों द्वारा एक माह लगातार अभ्यास किया जाता हैं जिसे तालीम कहा जाता है। पर्वतीय सांस्कृतिक मंच के अध्यक्ष अशोक पंत व सचिव यशपाल कोरंगा ने बताया कि तालीम मास्टर और निर्देशक चंद्र शेखर पंत के देख रेख में कलाकारों को प्रवीण किया जा रहा है। रामलीला के सभी पात्र स्थानीय है जिन्हें एक माह से ज्यादा समय प्रशिक्षण दिया जाता है l इस वर्ष भी हर बार की तरह विद्या निकेतन स्कूल में तालीम दी जा रही है। गांव के शिक्षक धर्मेन्द्र सिंह बसेड़ा ने बताया कि हरिपुरा हरसान की रामलीला मंचन को देखने सुदूर हल्द्वानी, कालाढूँगी, रामनगर, गदरपुर, गूलरभोज, रूद्रपुर और बाजपुर से भी सैकड़ों लोग देखने आते है। युवाओं में अपने अभिनय दिखाने का यहां की रामलीला अवसर देती है,भूत के गर्त में झांके तो यहां की रामलीला शिक्षक देवी लाल शाह और जंगलात कर्मी कीर्ति बल्लभ पांडे के प्रयासों से 1978 से शुरू हुई थी और फिर 12 वर्षों में ही असामाजिक लोगों के झगड़े और शराब के कारण 1989 में मंचन बंद हो गया। 14 वर्षो के बनवास के उपरांत फिर 2003 में मंचन दोबारा शुरू किया गया, जो आज 22 वर्षों से लगातार मंचन चल रहा है। पूर्व के रामलीला मंचन में प्रताप सिंह शाही उर्फ ‘प्रताप जोकर’ बेहतरीन कलाकार थे जो दर्शकों को बांधे रखते थे।