रिपोर्ट विरेंद्र तोमर बागपत

बागपत/ खेकड़ा उत्तर प्रदेश सरकार के महत्वाकांक्षी अभियान “मिशन शक्ति फेज-5.0” के तहत महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा, सम्मान व अधिकार सुनिश्चित करने की दिशा में शुक्रवार को एक सराहनीय पहल देखने को मिली। थाना खेकड़ा क्षेत्र की नाबालिग लड़की (उम्र करीब 17 वर्ष) ने मिशन शक्ति केन्द्र पर पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई कि उसके परिजन उसे 12वीं कक्षा के आगे पढ़ाई नहीं करने देना चाहते। जब भी वह आगे पढ़ाई की बात करती है तो परिजन उसे डांट-फटकार कर रोक देते हैं। इस कारण पीड़िता ने स्पष्ट कहा कि अब वह अपने घर वापस नहीं जाना चाहती।
शिकायत पर थाना खेकड़ा पुलिस की मिशन शक्ति केन्द्र टीम ने तत्काल संज्ञान लेते हुए पीड़िता के पिता व परिवारजनों को केन्द्र पर बुलवाया। इसके बाद महिला पुलिसकर्मियों और काउंसलरों ने लड़की और उसके परिजनों की संयुक्त काउंसलिंग की। इस दौरान परिवार को बेटियों की उच्च शिक्षा के महत्व और उससे जुड़ी संभावनाओं के बारे में विस्तार से अवगत कराया गया। लगातार संवाद और समझाइश के बाद आखिरकार पीड़िता के पिता अपनी बेटी को आगे की पढ़ाई जारी रखने की अनुमति देने पर तैयार हो गए। माहौल उस समय भावुक हो उठा जब पिता ने बेटी को पढ़ाई में हरसंभव सहयोग देने का भरोसा दिलाया। इसके बाद मिशन शक्ति केन्द्र की टीम ने पीड़िता को परिजनों के साथ हंसी-खुशी विदा किया।
मिशन शक्ति की इस पहल ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि बेटियों की शिक्षा और सुरक्षा के लिए समाज की सोच में बदलाव लाना ही इस अभियान का मूल उद्देश्य है। यह घटना न केवल जिले के लिए प्रेरणादायक है बल्कि पूरे प्रदेश के लिए एक उदाहरण बन सकती है।