रिपोर्ट विरेंद्र तोमर बागपत

बागपत/ बागपत जिले का प्रसिद्ध नंदन कानन वन अब एक नई पहचान की ओर बढ़ चला है। यमुना किनारे हरियाणा सीमा से सटे इस स्थल को जिला प्रशासन द्वारा सर्वसुलभ दिव्यांग पार्क के रूप में विकसित किए जाने की दिशा में कदम बढ़ाए गए हैं। यह वही पार्क है जिसका शिलान्यास पर्यटन विभाग की पक्षी विहार/चिल्ड्रन पार्क सौंदर्यीकरण योजना के तहत 4 सितम्बर 2005 को किया गया था और जो लंबे समय तक उपेक्षित रहा।
शुक्रवार को जिलाधिकारी अस्मिता लाल के नेतृत्व में यहाँ विशाल श्रमदान अभियान चलाया गया। वरिष्ठ अधिकारियों के साथ सफाईकर्मी, कर्मचारी और आमजन ने भी इसमें भागीदारी की। श्रमदान के दौरान झाड़ू और सफाई के साथ-साथ जिम्मेदारी और संवेदना का संदेश भी गूंजा। पार्क में स्थापित शहीदों के नामों से अंकित शिलापट्ट को भी साफ कर नया स्वरूप दिया गया।
जिलाधिकारी ने कहा कि नंदन कानन वन बागपत की धरोहर है। इसे अब नए स्वरूप में विकसित कर सर्वसुलभ पार्क बनाया जाएगा। यहाँ ऐसी सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएँगी जिनसे बच्चे, महिलाएँ, बुजुर्ग और दिव्यांगजन सम्मानपूर्वक यहाँ आ सकें और प्रकृति के बीच सुखद समय बिता सकें।
दिव्यांगजनों के लिए विशेष ट्रैक, रैंप, बैरियर-फ्री रास्ते, सुलभ शौचालय और विशेष झूले।
बच्चों के लिए आधुनिक व सुरक्षित झूले और खेल उपकरण।
युवाओं के लिए खेल कोर्ट व ओपन फिटनेस ज़ोन।
बुजुर्गों के लिए छायादार स्थान और आरामदायक बेंच।
तालाब का सौंदर्यीकरण, फूलों की क्यारियाँ व औषधीय पौधों का सेक्शन। समावेशी समाज की मिसाल बनेगा पार्क
यह पहल न केवल पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देगी बल्कि समावेशी समाज का प्रतीक भी बनेगी। दिव्यांगजन भी अपने परिवार और दोस्तों के साथ यहाँ बिना कठिनाई के घूम-फिर सकेंगे और खुशियों का आनंद उठा सकेंगे। जिलाधिकारी ने कहा कि “नंदन कानन वन का पुनर्जीवन केवल एक पार्क का विकास नहीं, बल्कि जिले में सुशासन और सामूहिक जिम्मेदारी का संदेश है। इसे प्रदेश का आदर्श पार्क बनाया जाएगा। इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी वित्त/राजस्व पंकज वर्मा, उप जिलाधिकारी बागपत अमरचंद वर्मा, ईओ कृष्णकुमार भड़ाना सहित कई अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद रहे।