रिपोर्ट विरेन्द्र तोमर।

बागपत / जिलाधिकारी अस्मिता लाल ने कलेक्ट्रेट सभागार में जनपद के स्थाई एवं अस्थाई गौ आश्रय स्थलों की व्यवस्थाओं की समीक्षा की, वर्तमान में 21 अस्थाई गौ आश्रय स्थल, 5 बृहद संरक्षण केंद्र, 5 कान्हा गौशालाएं एवं 13 अपंजीकृत गौशालाएं संचालित हैं, जिनमें कुल48 में 10,621 गौवंश संरक्षित हैं।
जिलाधिकारी ने कहा समस्त गौशालाओं में विद्युत कनेक्शन, पंखा, कूलर, तथा सफाई की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए,
प्रत्येक गौशाला में लॉग बुक, भूमि पंजीका, चिकित्सा पंजीका, निरीक्षण पंजीका, उपस्थिति पंजीका, दान पंजीका, स्टॉक रजिस्टर तथा सपुर्दगी पंजीका रखी जाएं। लापरवाही पर खंड विकास अधिकारी एवं ग्राम पंचायत सचिव की जिम्मेदारी तय की जाएगी।
सभी गौशालाओं में CCTV कैमरे लगाए जाएं और एक कंट्रोल रूम की स्थापना की जाए। कैमरों का बैकअप संबंधित अधिकारी/कर्मचारी के मोबाइल पर भी उपलब्ध हो।
विद्युत तारों आदि के कारण होने वाले खतरे को देखते हुए विद्युतिकरण से जुड़ी समस्याओं को दूर किया जाए।
बैठक में ग्राम पंचायत सचिव कृष्ण कुमार की कार्यशैली पर असंतोष जताते हुए उनके विरुद्ध कार्यवाही के निर्देश दिए गए। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि जो भी अधिकारी/कर्मचारी अपने दायित्वों में लापरवाही बरतेंगे, उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
अब तक जनपद की 30 में से 25 गौशालाओं में QR कोड व्यवस्था लागू की जा चुकी है। सभी नोडल अधिकारियों को नियमित भ्रमण और निरीक्षण करने के निर्देश भी दिए गए हैं।
इस बैठक में मुख्य विकास अधिकारी नीरज कुमार श्रीवास्तव, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरविंद कुमार त्रिपाठी, समस्त खंड विकास अधिकारी, अधिशासी अधिकारी एवं नोडल अधिकारी उपस्थित रहे।

By eid eid

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