ईस्ट इंडिया टाइम्स रिपोर्ट संजीव कुमार सक्सेना

फर्रुखाबा/थाना कादरी गेट निवासी अरविंद दुबे की पत्नी श्रीमती रजनी ने दर्ज कराई रिपोर्ट में कहा है कि में 139/13ए गनपत का बगीचा तहसील के पीछे तहसील व जनपद झांसी की मूल निवासी हूं। 30/07/2025 को अपने पुत्र लब दुबे के साथ मथुरा छपरा एक्सप्रेस ट्रेन संख्या 15109 में कानपुर सेन्ट्रल से फरुखाबाद आ रही थी।मेरे व मेरे पुत्र के पास सामान्य श्रेणी की रेल टिकट थी। ट्रेन में बैठने के दौरान भीड़ के दौरान सामान्य श्रेणी के डिब्बे में चढ़ नहीं पायी तब तक ट्रेन चलने लगी तो हमलोग भागकर एस-1 कोच में घुस गए और गेट के पास खाली जगह पर खड़े हो गए। वहां से ट्रेन फरुखाबाद स्टेशन के समीप पहुंची वैसे ही ड्यूटी पर तैनात टीसी अरविंद जिसकी तैनाती सी पी ए (कानपुर अनवरगंज ) में है। एकदम भागकर आया यात्रा के बारे में वह जानकारी करने लगा जिस पर मैंने उससे कहा कि मुझे इसी फरुखाबाद स्टेशन पर उतरना है जिस पर एकदम दरवाजे पर खड़ा हो गया। मुझे व पुत्र को उतरने नहीं दिया। उसने मुझको धक्का देकर व बेटे का हाथ पकड़ कर दरवाजे से अंदर की ओर धकेल दिया। मेरे विरोध करने व चिल्लाने पर दो टीसी जिनको सामने आने पर भली-भांति पहचान सकती हूँ। तीन लोगों ने मिलकर मुझे व पुत्र को गाली गलौज किया व उक्त टी सी अरविंद ने मेरे साथ छेड़खानी की। उपरोक्त लोगो ने मुझे व पुत्र को गाड़ी से उतरने नहीं दिया और तीनों लोग ने मिलकर गाड़ी में बैठाकर आगे ले गये जबरदस्ती कासगंज तक की पेनाल्टी टिकट बना दी। टिकट बनाते समय उपरोक्त लोगों ने पर्स में अधिक पैसे रखे हुए देख लिये। टी सी अरविंद ने जबरदस्ती करीब 1400 रुपए पर्स से निकाल लिए। जब मैंने इसका वीडियो बनाने का प्रयास किया तो उक्त अरविंद ने मेरा मोबाइल छीन लिया। अन्य यात्रियों के हस्तक्षेप से बड़ी मुश्किल से मेरा मोबाइल वापस किया। फर्रुखाबाद से ले जाकर मारते पीटते हुए करीब 80-81 किलोमीटर दूर जंगल में गाड़ी रुकवाई मुझे व पुत्र को कानूनी कार्यवाही करने पर जान से मारने की धमकी देते हुए रात के अंधेरे में जबर्दस्ती गाड़ी से उतार दिया। हम लोग अजनबी जगह पर थे जैसे तैसे बड़ी मुश्किल से भयभीत अवस्था में सुबह घर पर आए। जी आर पी थानाध्यक्ष ने शिकायती पत्र की उपनिरीक्षक नरेन्द्र कुमार से जांच कराई शिकायत सही पाई जाने पर थानाध्यक्ष ने मुकदमा दर्ज कराकर विवेचना उप निरीक्षक नरेन्द्र कुमार को सौपी है। मालुम हो कि ट्रेन को निजी सम्पत्ति समझने बाले टीसी अक्सर यात्रियों के साथ बदसलूकी व अवैध रुपयो की वसूली करते हैं।