क्या सिंगरौली पुलिस गंभीरता से करेंगी जांच या होगा लीपापोती।

सिंगरौली,बैढ़न मध्य प्रदेश की एक वायरल घटना जिसे बिना पुष्टि सबूत के आधार पर गलत तरीके से वायरल कर समाचार पत्र एवं मीडिया में गलत तरीके से मोबाइल टीवी अखबारों के माध्यम से टीआरपी लाइक सब्सक्राइब पाने के लिए चलाया गया।
बीते दिनों 11 सितंबर के सायं 5 6 बजे कि यह वीडियो यह दर्शाती है कि
एक व्यक्ति राजेश वर्मा को संतोष गुप्ता व उसके गुरखो द्वारा बड़े बेरहमी से मारा जा रहा हैँ संतोष गुप्ता गरबंधा रेणुसागर सोनभद्र उत्तर प्रदेश का रहने वाला है कुछ वर्षों से प्रधानमंत्री आवास कॉलोनी में आवास लेकर रह रहा है वीडियो के माध्यम से यह देखा जा रहा है की एक अकेले व्यक्ति राजेश वर्मा को बीच सड़क पर संतोष गुप्ता सुजल गुप्ता करण साह वह संतोष गुप्ता के दर्जनों दोस्तों के माध्यम से राजेश वर्मा को घेर कर बड़े बेरहमी से जान से मारने का प्रयास किया गया।जब राजेश वर्मा के साथ इस तरह से कृत करते हुए अपने पति संतोष गुप्ता का विरोध करने उसकी पत्नी आई और मारपीट रोकने के उद्देश्य से महिला बीच बचाव करने लगी तो संतोष गुप्ता व उनके साथी घर द्वारा उस महिला को भी मारपीट कर वहां से हटाया गया फिर क्या था जैसे जंगल राज्य कानून व्यवस्था अपने हाथों में लेते हुए जैसे कानून प्रशासन और न्यायपालिका खुद में संतोष गुप्ता व उसके रिश्तेदार और साथीगण खुद बन गऐ हो उसके बाद राजेश वर्मा के ऊपर और भी तेजी से अपने आवास क़े पूरे मित्रों क़े साथ मिलकर राजेश वर्मा को मार मार कर कर घायल कर दिया गया। हद तब हो गई जब राजेश वर्मा को घायल अवस्था में भी गनीयारी से घसीटते मारते हुए गाली गलौज करते हुए लोग लेकर थाने पहुंचे और राजेश वर्मा पर अवैध टिप्पणी करते हुए यह बोला गया कि राजेश वर्मा का उसके पत्नी के साथ नाजायज संबंध है और यहां तक बोला गया की राजेश वर्मा हमसे मारपीट किए हैं और अपराधी ने खुद प्रशासन से अपने ही जान माल के खतरे का भीख मांगने लगा जबकि बैढ़न थाना का प्रशासन किस दबाव में है यह अभी तक कोई जानकारी नहीं मिल पाई है पर यह वीडियो सच होने के बावजूद भी उन अपराधिकृत करने वाले व्यक्ति के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई न करके पीड़ित व्यक्ति को ही घायल अवस्था में घंटे तक थाने में बैठाया गया और पीड़ित व्यक्ति राजेश वर्मा की मोटरसाइकिल भी कोतवाली थाने में रखवा ली गई और आपराधि को संरक्षण देते हुए खुली छुट के साथ छोड़ दिया गया। जबकि महिला सुमन गुप्ता का कहना हैँ कि हमारे घर वाले वह हमारे पति संतोष गुप्ता द्वारा मेरे साथ कई बार दुराचार दुर्व्यवहार,शररिक, मानसिक शोषड़ व अपने परिवार के साथ मिलकर हमें भी जान से मारने व शारीरिक शोषण मानसिक शोषण लगातार किया जा रहा था यह कि मेरे पति संतोष गुप्ता का कई औरतों के साथ भी नाजायज संबंध हैं इनके अत्याचार व मानसिक शारीरिक शोषण व मारपीट की गई घटनाएं सोनभद्र में शिकायत दर्ज कराई हूं पर यह गिरगिट की तरह रंग बदलते हैं और समझौता करने पर मजबूर करता है मैं यहां भी कई बार हंड्रेड डायल कर पुलिस सहायता मांग चुकी हूं बैढ़न थाने में भी कई बार समझौता हुआ है यह बराबर हमें और हमारे तीनों बच्चियों को जान से मारने की धमकी देता है इन सभी कृतों में इसकी मौसी मीना साह पत्नी करण शाह वह इसके रिश्तेदार शामिल हैं देवर व इसके मौसी मीना शाह का बेटा वह इन सभी की साजिश लगातार मेरे वह मेरे तीनों बच्चियों को जान से मारने में लगे रहते हैं मेरा पति संतोष गुप्ता जो आए दिन आवास कॉलोनी के चार मंजिला ऊपर से हमें फेंक कर मारने की कोशिश भी कर चुका है कई बार धारदार हथियार से मेरे सर पर मेरे हाथों को भी काटा गया है जिसका सच आज भी मेरे शरीर पर साफ-साफ दिख रहे हैं मेरा पति संतोष गुप्ता एवं आययास किस्म का व्यक्ति है जो अपने नए-नए दोस्तों के साथ लड़की औरतों के साथ अय्याशी करता है दोस्तों के साथ दारू पीकर नशे की हालत में इसके दोस्त व स्वयं यह खुद औरत और लड़कियों के साथ अय्यासी करता है यहां तक कि मैं इसकी पत्नी हूं यह भूल जाता है यह अपने मनोरंजन के लिए भोजन को जमीन पर फेंक देता है और हमें बोलना है कि जैसे जानवर खाना खाते हैं खा और अगर मैं उसे खाने को खाने से इंकार करती हूं तो मुझे डंडे लाठी से नग्न कर शारीरिक प्रत्यारना देता है यहां तक की बच्चियों के सामने भी शारीरिक शोषण करने लगता है यह व्यक्ति एकदम से हवसी व साइको है इसी हवस की वजह से एक बार अपनी मौसी के लड़की यानी अपनी बहन के साथ भी दुराचारी संबंध बनाया है और यह मामला अनपरा थाने में पंजीकृत है जमानत पर छूट कर आया है इसके हवस के सामने रिश्तो का कोई मोल नहीं है मैं कई बार अपने दुख आपबीती प्रशासन के समक्ष रखी हूं पर इस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई है अगर कोई व्यक्ति हमारी सहायता भी करना चाहता है तो उस व्यक्ति के ऊपर चरित्रहीनता का आरोप वह नाजायज संबंध लगाकर अपने दोस्तों रिश्तेदारों व लोगों के साथ मिलकर मारपीट का अंजाम देता है आज एक महिला का सुनने वाला कोई नहीं है यही महिला सशक्तिकरण है
गजब की प्रशासन गजब का शासन सब कुछ कर क़े भी आपराधिक व्यक्ति व उनके साथी गड़ को खुली आजादी खुली छूट यही हैँ न्याय पीड़ित को सजा और अपराधी को खुली आजादी. क़े. साथ छूट।