रिपोर्ट आदिल अमान


कायमगंज/फर्रुखाबाद
बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश ने विधिक कदाचार के आरोपों में कायमगंज के 10 अधिवक्ताओं का पंजीकरण तीन वर्ष के लिए निलंबित करने का आदेश दिया था। परिषद ने स्पष्ट निर्देश दिया था कि निलंबन अवधि तक वे किसी भी न्यायालय में वकालत नहीं कर सकेंगे। आरोप था कि अधिवक्ताओं ने बार एसोसिएशन कायमगंज नामक ट्रस्ट बनाकर स्वयं को पदाधिकारी घोषित किया और सोशल मीडिया व होर्डिंग्स के माध्यम से भ्रम फैलाया। परिवादी अधिवक्ता राघव चन्द्र शुक्ल और शफीक खाँ ने अमित कुमार, गोपाल कृष्ण पाठक, प्रमोद कुमार गंगवार, अजीम हुसैन, नौशाद अली, सुधीर कुमार, दीपेन्द्र कुमार, विकास गंगवार, हरिपाल सिंह और रोमैश कुमार के खिलाफ परिवाद दायर किया था। अनुशासन समिति ने पाया कि निलंबन आदेश एकपक्षीय प्रतीत होता है और अब सभी पक्षकार उपस्थित हो चुके हैं। इस पर 7 सितम्बर को जारी आदेश को तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया गया। परिषद ने कार्यालय को निर्देश दिया कि सभी दस्तावेज व लिखित बयान पत्रावली में संलग्न किए जाएं और परिवादीगण को सूचित किया जाए। अब इस मामले की अगली सुनवाई 22 नवम्बर को होगी, जिसमें गुण-दोष के आधार पर अंतिम निर्णय सुनाया जाएगा।