रिपोर्ट मुनीश उपाध्याय ——————————

बिजनौर/ धामपुर। जनपद के धामपुर शहर और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में सपरेटा दूध का गोरखधंधा खुलेआम चल रहा है। ग्रामीण इलाकों से दूध इकट्ठा करने वाले दूधिये मशीनों के माध्यम से दूध की क्रीम निकालकर उसे बाजार में बेच रहे हैं। शुद्ध दूध के नाम पर सपरेटा दूध की सप्लाई धड़ल्ले से की जा रही है। जिससे उपभोक्ताओं को ठगे जाने के साथ ही उनके स्वास्थ्य से खिलवाड़ किया जा रहा है। दूधिये ग्रामीण इलाकों से दूध खरीदकर मशीनों पर उसकी क्रीम अलग कर देते हैं। इसके बाद यह दूध 50 रुपए से ₹70 रुपए प्रति लीटर की दर से सप्लाई किया जाता है। इस प्रक्रिया में दूध की पौष्टिकता और गुणवत्ता समाप्त हो जाती है, लेकिन इसे शुद्ध और ताजा बताकर बेचा जा रहा है। मामला फ़ुड इंस्पेक्टर की जानकारी मे है, फिर भी कार्रवाई नहीं हो रही है, चौंकाने वाली बात यह है कि इस गोरखधंधे की पूरी जानकारी संबंधित विभागों और अधिकारियों को है। इसके बावजूद दूधियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।प्रशासन की इस चुप्पी से स्थानीय लोगों में आक्रोश बढ़ रहा है। जनता में इस बात की चर्चा है कि फूड इंस्पेक्टर ने क्षेत्रिय दूध विक्रेताओं से प्रत्येक माह मोटी रकम वसूली जा रही है। सेपरेटा दूध की लगातार खपत से आम जनता के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है। इस दूध में मौजूद पोषक तत्व जैसे वसा और प्रोटीन की कमी के कारण बच्चों और बुजुर्गों के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। इसके बावजूद प्रशासन ने इस समस्या को अनदेखी करना चिंता का विषय है।स्थानीय लोगों ने सख्त कार्रवाई की मांग की है धामपुर और आसपास के क्षेत्र के लोगों ने प्रशासन से मांग की है दूध के इस अवैध कारोबार पर तुरंत रोक लगाई जाए। उन्होंने संबंधित अधिकारियों से अपील की है दूध की गुणवत्ता की जांच के लिए नियमित निरीक्षण किया जाए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो।यह मामला प्रशासनिक उदासीनता का प्रतीक बनता जा रहा है। जनता को उम्मीद है स्थानीय प्रशासन इस पर ध्यान देगा और उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य के साथ हो रहे खिलवाड़ को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाएगा।सेपरेटा दूध की सप्लाई को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने और जिम्मेदार अधिकारियों को जवाबदेह बनाने का समय आ गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *