रिपोर्ट सुदेश वर्मा

बागपत/ बडौत/बिनौली में बजाज हिंदुस्थान चीनी मिल किनौनी के कृषकों को गुरुवार को विशेषज्ञों की टीम ने गन्ना फसल में लगने वाले विभिन्न कीट व लगने वाले रोगों से बचाव,एवम् अधिक उपज लेने एवं नवीनतम गन्ना प्रजातियों की जानकारी दी ।
गन्ना शौध केन्द्र मुजफ्फरनगर के पूर्व वरिष्ठ गन्ना वैज्ञानिक डा.अवधेष डागर एवं मिल महाप्रबंधक (गन्ना), जयवीर सिंह व सहायक महाप्रबंधक (गन्ना विकास), आदेश तोमर ने फतेहपुर पुट्ठी, बिजवाड़ा, तेडा, फजलपुर आदि गांवों में पौधा व पेड़ी गन्ना खेतों में भ्रमण किया।मिली बैग, ब्लैक बग, चोटी बेधक व कन्सुआ का प्रकोप पाया गया। विशेषज्ञों ने मौके पर मौजूद कृृषको को इन कीटों की पहचान की विस्तृत जानकारी व रोकथाम के लिए खेतोें में क्लोरेन्ट्रानिलीप्रोल 18.5% को 150 मिली.प्रति एकड पौधों की जडोें में ड्रैंचिंग करने के बाद सिंचाई करने एवं पेड़ी गन्ने की फसल में फरटेरा 7.5 किग्रा.प्रति एकड़ की दर से नमी की अवस्था में प्रयोग करने की सलाह दी। कुछ खेतों में काला चिकटा भी दिखाई दिया डा. अब्धेश डागर ने गन्ना फसल पर साइपर व प्रोफेनोफॉस कीटनाषक का घोल बनाकर स्प्रे करने का सुझाव दिया। इस वर्ष नमी व असमय वर्षा ज्यादा होने के कारण पौधा गन्ना को फुटाव का समय व तापक्रम कम मिल पाया है। ऐसे में फसल में प्रति एकड एक बैग यूरिया का प्रयोग कर खेत को अच्छा किया जा सकता है। सहायक महाप्रबंधक
राजीव चौधरी, वरिष्ठ प्रबंधक मनीष दहिया, प्रबंधक दुष्यन्त त्यागी, सुरेन्द्र तोमर, विनोद नरेश, विकास सोलंकी, मनोज सिरोही, उदयवीर सिंह आदि भी मौजूद रहे।