अधिकारियों की मिली भगत से करोड़ों का बंदर बांट थुक पालिस से हो रहा काम।


दैनिक ईस्ट इंडिया टाइम्स मनोज कुमार सोनी ब्यूरो रिपोर्ट।
सोनभद्र,उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा जनता को दुर्घटना और प्रदूषण मुक्त करने को लेकर 2019 में अनपरा शक्तिनगर फोर लेन सड़क की एक बड़ी ऊर्जांचल वासियों को सौगात दी गई थी पर पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारी समेत ठेकेदार द्वारा जमकर बंदर बांट की गई जिसका नतीजा आज भी क्षेत्र की जनता समेत आवागमन करने वाले राहगीरों को झेलने पर मजबूर है।अब तो यह भी नहीं समझ आता कि सड़कों में गड्ढे है या फिर गड्ढों में सड़क बता दे कि आधी आधूरी सड़क और आधी अधूरी नालियों का निर्माण किया गया है सड़के ऐसी की जैसे बिना किसी इंजियर और बिना कोई जेई के कार्य को पूरा किया गया हो। थोड़ी सी बरसात क्या हुई कि सड़कों पर इस प्रकार जल भराव हो जाता हैं जैसे घनघोर बारिश हुई और रोडवेज बसों समेत अन्य वाहन का आवागमन ठप्प हो जाता है। हर दस कदम की दूरी पर बड़े बड़े गड्ढे जिसमें आवागमन बेहद कठिन होता है। आधी अधुरी नालियों का निर्माण इस कदर किया गया है जैसे पूरे सड़क का पानी किसी के घर में छोड़ना हो सड़कों का पानी आधी अधूरी नालियों के निर्माण के कारण आस पास के घरों और गलियों में एकत्र हो जाता है निर्माण कार्य के बाद अब पीडब्ल्यूडी विभाग गहरी नींद में सो गया और जब खबरें और शिकायतों का अंबार लग जाए तो सिर्फ थूक पलिस के रूप में ट्रैक्टर ट्रक से गिट्टी डाल दिया जाता है ताकि अधिकारियों और कागजों में कुछ कार्य दिखा कर अपना पल्ला झाड़ लिया जाए। अब ऐसे में सड़कों पर जमा नालियों के दूषित पानी से लोग बीमार हो रहे है।सड़कों का आधा अधूरा निर्माण से रौंग साइड से जाने को मजबूर है जिससे अब तक सैकड़ों से ज्यादा लोगों की मौतें हो चुकी है।सड़क निर्माण के दौरान लोगों ने आपत्ति भी जताई थी पर पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारियों द्वारा न जाने किस प्रकार से उन्हें चुप करा दिया गया था। जिसका दंश आज भी क्षेत्र के लोग झेलने को मजबूत है।