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कृष्ण सुदामा की दोस्ती ऐसी कि इतिहास आज भी उदाहरण है


“कहा सुदामा वापुरो कृष्ण मिताई जोग”
ईस्ट इंडिया टाइम्स रिपोर्ट आदिल अमान
कायमगंज/फर्रुखाबाद
कायमगंज नगर के सीपी सभागार में चल रहे श्रीमद् भागवत में प्रवक्ता जगतगुरु निम्वार्का चार्य पीठाधीस्वभू स्वभू राम द्वारा चार्य श्री राधा मोहन देवाचार्य ने सुदामा चरित्र पर प्रकाश डालते हुए बताया कि मैत्री में दिल की प्रधानता होती है ऐश्वर्या की नहीं क्योंकि सुदामा एक अकिचेन, निर्धन, भिक्षुक ब्राह्मण थे। एवं श्री कृष्णा त्रिलोकी नाथ थे लेकिन दोस्ती ऐसी की इतिहास आज भी उदाहरण है। “कहा सुदामा वापुरो कृष्ण मिताई जोग” आज अंतिम का समापन प्रवचन करते हुए बताया की भागवत भगवान का साक्षात स्वरूप है। इसके पठन-पाठन, सेवन से श्रेय की प्राप्ति होती है। संपूर्ण श्रीमद् भागवत का सारांश भी भावनात्मक, कलात्मक प्रस्तुत किया। समापन भाषण का वाचन करते हुए यजमान डाo मिथिलेश एवं सत्य प्रकाश अग्रवाल ने शब्द चित्र के द्वारा महाराज श्री का स्वागत किया एवं बड़ी संख्या में आए उपस्थित श्रोताओं का स्वागत करते हुए आभार व्यक्त किया। धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में लक्ष्मी नारायण अग्रवाल, मोनिका अग्रवाल, मुकेश अग्निहोत्री, मुन्नालाल गुप्ता, उमेश चंद्र गुप्ता,के सी दीक्षित, अमरदीप दीक्षित,अशोक कुमार गुप्ता, अन्यान्य भक्तों ने अपनी उपस्थिति से सबको आनंद प्रदान किया।

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