हम स्वस्थ कैसे रहैं
वैद्य के०पी०सिंह शाक्य
आयुर्वेदाचार्य




कायमगंज/फर्रुखाबाद
आधुनिक समय में हर मानव अपने अमूल्य जीवन को मौत के मूंह में धकेल रहा है। विचार किया तो पता चला इस समस्या का हल हम अपने खान-पान पर ध्यान दें तभी समस्या का समाधान है।
आज हर व्यक्ति अधिक तर बाजार का भोजन पसंद करता है।जिस खाने में बहुत से खाद्य पदार्थ हमारे जीवन के लिए जानलेवा हैं।जिन से बचना हम-सब को आवश्यक है। हमने लोगों को कहते सुना है और देखा भी है कि अमुक व्यक्ति शाम ठीक ठाक था और प्रातः मृतक पाया गया। यह सारा ही खेल हमारे द्वारा खाये गये विशुद्ध भोजन का है।
अतः यदि हमें लम्बी आयु जीवन जीना है तो हम सब को अपने पुराने आयुर्वेदा और खाद्यान्न पर जाना होगा। और भोजन में सुधार लाना होगा।हम देखते हैं कि लोग नित्य प्रति मैदा से निर्मित खाद्यान्न ( चाऊमीन,मैगी,वर्गर,मोमोज,रौल,) आदि अधिक मात्रा में खाना पसन्द करते हैं। और तेज मिर्च-मसाले तथा प्रातः उठकर डबल रोटी,व ठोस सुबह की चाय के साथ खाना बहुत ही पसन्द है।
मैदा हमारे शरीर में वह काम करता है जो मकान बनाने में ईंट को जोड़ने में सीमेंट करता है।
अतः अगर जीवन सही तरीके से जीना है तो मैदा निर्मित खाद्यान्नों से दूरियां बनाने की आदत डालनी होगी।
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