ईस्ट इंडिया टाइम्स राजेन्द्र सिंह धुआँधार

ठठिया (कन्नौज)। जेष्ठ मास की गंगा दशहरा और एकादशी पर नथ्थू डॉक्टर के हाथा पर उनके परिवार के लोगों द्वारा आने जाने वाले लोगों को रोककर ठंडा शरबत पिलाया गया गया। जेष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को जेठ दशहरा जिसे गंगा दशहरा भी कहते हैं। यह पर्व मां गंगा के पृथ्वी पर अवतरित होने के उपलक्ष में मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन मां गंगा का धरती पर आगमन हुआ था। पौराणिक कथाओं के अनुसार राजा भागीरथ ने अपनी कठोर तपस्या से प्रसन्न होकर मां गंगा को स्वर्ग से धरती पर आने के लिए प्रार्थना की थी। जब मां गंगा धरती पर अवतरित हुई तो उस तिथि को जेष्ठ मास की दशमी तिथि के रूप में जाना गया। जिसे गंगा दशहरा के रूप में मनाया जाने लगा। इस दिन लोग गंगा नदी में स्नान करते हैं मां गंगा की पूजा करते हैं, और दान पुण्य करते हैं। वही डॉक्टर नाथू राठौर के परिवार के लोगों ने दान पुण्य की प्रथा को आगे बढ़ाते हुए ठंडा मीठा शरबत चिल्लाती धूप में आने जाने वाले राहगीरों को सम्मानपूर्वक रोककर शरबत पिलाया और उनकी यात्रा मंगलमय हो इसके लिए सभी ने कामना की। शरबत वितरण में डा.अरुण राठौर, आलोक राठौर, अभय राठौर, हिमांशु अग्निहोत्री, विकास यादव, सौरभ पाल, प्रदीप बाथम, मो. हासिम मिस्त्री आदि लोग मौजूद रहे।