रिपोर्ट आदिल अमान

कायमगंज/फर्रुखाबाद
शिवरई मठ में विवादित मकबरे के पास खोदी जा रही कब्र को पुलिस प्रशासन ने कार्य रुकवा दिया और मिट्टी डाल कर बंद करा दी। इस विवादित मकबरे पर पहले भी दो समुदायों के बीच विवाद हो चुका है, तब से पुलिस की निगरानी में यह मकबरा चल रहा है।
क्षेत्र के शिवरईमठ गांव में गुरुवार को उस समय हड़कंप मच गया जब वृद्ध अफसर खा के निधन के बाद परिजन उनके शव को दफनाने के लिए खान बहादुर बाबा सैयद के मकबरे के सामने सीढ़ियों के नीचे कब्र खोदने लगे। ग्रामीणों की सूचना पर तहसीलदार विक्रम सिंह चाहर पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे और कब्र खुदाई का कार्य रुकवाकर गड्ढे को मिट्टी डालकर बंद करा दिया। जानकारी होने पर कांग्रेस जिलाध्यक्ष शकुंतला देवी और व्यापारी नेता राबेज बंटी खां भी मौके पर पहुंचे और प्रभारी निरीक्षक अनुराग मिश्रा से वार्ता की। परिजनों का कहना था कि उनके पूर्वज पहले से ही यही दफन है और पास में मृतक के चाचा व भाई की कब्र भी इसी स्थान पर बनी है। जबकि प्रभारी निरीक्षक का कहना था कि यह स्थान कब्रिस्तान नहीं बल्कि मकबरे में दर्ज है। ऐसे में यहां कोई नया दफन कार्य नहीं किया जा सकता, जब तक कोई स्थायी समाधान नहीं निकलता। लेखपाल ने बताया मकबरे की जगह 21 डिसमिल है। गौरतलब है कि इसी मकबरे में पिछले माह टाइल व जाली तोड़े जाने का मामला सामने आया था, जिस पर एक व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। इसके बाद एक समुदाय द्वारा यहां निर्माण और सीसीटीवी लगाने का विरोध दूसरे समुदाय ने किया था। मामला बढ़ने पर दोनों पक्षों पर मुकदमे दर्ज किए गए थे। तभी से पुलिस लगातार इस मकबरे की निगरानी कर रही है।
शिवरईमठ में काफी देर की वार्ता के बाद गांव के ही अफसर खा को उनके परिजनों ने गांव में ही उनके खेत में दफन कर दिया गया।