ईस्ट इंडिया टाइम्स राजेन्द्र सिंह धुऑंधार

कन्नौज : सदर तहसील के जलालाबाद ब्लॉक के ग्राम अनौगी में स्थित जिला जेल का हाल ही निराला है कहावत है कि जव राजा ही चोर हो तो प्रजा तो लूट मचायेगी, इन दिनों जेल अधीक्षक और जेलर कैदियों के हक पर मिलकर ढांका डाल रहे है यहां तक कि उनका निवाला भी नही छोड़ा उसका भी सौदा कर दिया, हां यह हकीकत है चन्द्र दिनों पूर्व जेल से रिहा हुए कैदी ने नाम न छापने की शर्त पर जेल के अन्दर का कच्चा चिट्ठा बताया, सूत्र के मुताबिक जेल निरीक्षण के दौरान अन्दर की व्यवस्था चुस्त दुरुस्त कर ली जाती है और आलाधिकारियों के पीठ फेरते ही फिर से जेल के जिम्मेदारों की काली कमाई की अवैद्य बसूली की सूची बनाकर कमाई का काम शुरू हो जाता है , बताया कि जो कैदी रुपये देता है उसको लाजवाब कैंटीन की थाली मिलती है और जो नही देता उसे सूखी रोटी और दाल की जगह दाल का पानी दिया जाता है! जेल के अधिकारियों द्वारा अन्दर बंदियों के साथ जुल्म किया जा रह है। इतना ही नही जेल के अंदर बंदियों को दी जाने वाली अनाधिकृत सुविधाओं के दामों में बेतहाशा बढ़ोत्तरी कर दी गईं हैं। जब कुछ दिन पूर्व जेल में छापा मार कर कार्रवाई की गई थी उसके बाद कन्नौज ब्लाक के दो पूर्व ब्लाक प्रमुख जो जेल में बंद थे, उनको अन्य जनपदों में स्थानांतरित कर दिया।दिलचस्प बात यह है कि जेल में डिप्टी जेलर होते हुए डिप्टी जेलर का काम कनिष्ठ सहायक बाबू के हाथों में है। कमाई बढ़ाने के लिए यह बाबू सिपाहियों की ड्यूटी तक लगा रहा है। जेल के अधिकारियों ने मशक्कत के नाम पर लूट मचा रखी है। बंदियों से मशक्कत के नाम पर 3300 के साथ बैठकी के लिए 300 रुपए मिलकर कुल 3600 रूपये वसूल किए जा रहे है। इस अवैध वसूली से बंदियों और जेलकर्मियों दोनों में खासा आक्रोश व्याप्त है।कन्नौज जेल में लंबे समय से तैनात बाबू की प्रताड़ना और अवैध कार्यों में संलिप्तता से जेल के अधिकारी और सुरक्षाकर्मी काफी त्रस्त हैं।जेल में कनिष्ठ लिपिक संवर्ग का यह बाबू पिछले करीब 10 साल से अधिक समय से कन्नौज जेल पर तैनात है। लंबे समय से एक ही जेल पर तैनात होने की वजह से उसने अपने प्रभाव के कारण जेल प्रशासन के अधिकारियों पर दबदबा बना रखा है। लंबे समय से तैनात होने की वजह से उसके रसूखदार बंदियों से अच्छे संबंध है। वह उनके लिए अप्रत्यक्ष रूप से अवैध सामान पहुंचा करके बंदियों से मोटी रकम वसूल करता है। यह बाबू प्रभावी, रसूखदार बंदियों की मुलाकात अपने कार्यालय में कराता है।
इसके बदले में बाबू बंदियों से मोटी रकम वसूल करता है। सूत्रों का कहना हैं कि यही नहीं जेल में अधिकारियों के मशक्कत और बैठकी के नाम पर हो रही अवैध वसूली से बंदी काफी परेशान है। बताया गया है कि इस जेल में अधिकारियों और बाबू ने वसूली में कई बड़ी जेलों को भी पीछे छोड़ दिया है। इस जेल में मशक्कत के नाम पर 3300 रुपए और काम नहीं करने के एवज में बैठकी के लिए 300 रुपए प्रति बंदी वसूल किया जा रहा है। पाक्सो एक्ट मामले में बंद एक बंदी ने इसी प्रताड़ना में जेल में फांसी लगा लेने की बात सामने आई थी। दिलचस्प बात यह है कि कारागार मुख्यालय के आला अफसर सब कुछ जानकर अनजान बने हुए। दोषियों के खिलाफ कार्यवाही नहीं होने की वजह से जेल के बंदियों को उत्पीड़न का शिकार होना पड़ रहा है। मामले पर अधीक्षक से बात करने का प्रयास किया गया तो कई प्रयासों के बाद भी उनका सीयूजी नंबर (9454469149) नहीं उठा। ऐसा तब है जब पिछले दिनों प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक आदेश जारी किया था। जिसमें स्पष्ट रूप से निर्देशित दिया गया कि कोई भी अधिकारी सरकारी (सीयूजी) फोन बंद नहीं रखेगा।

By eid eid

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