ईस्ट इंडिया टाइम्स रिपोर्ट एस पी कुशवाह।



देवरिया/जनपद सहित देश, प्रदेश मे चल रहा है छत सेटरिंग के लिए बिना लाइसेंस का बिना मजदूर बीमें के गरीबों के सहारे जानलेवा शटरिंग का कार्य जनपद में जोरों पर चल रहा है सरकार ने क्या इस कार्य के लिए कोई नियम कानून नहीं बना है यदि सरकार द्वारा कोई नियम कानून शर्तों के साथ बनाकर लाइसेंस दिया जा रहा हो तो इस जोखिम भरे कार्य के लिए ठेकेदारों द्वारा बिना लाइसेंस के सरकार के टैक्स को बचाने के लिए जनपद में यह व्यवसाय जोरों पर चल रहा है जो बहुत जोखिम भरा कार्य है इस कार्य में मजदूरी करने वाले मजदूर के जान का हमेशा खतरा बना रहता है फिर भी सरकार के पहरेदारों की इस कार्य की प्रति नींद लगी हुई है गरीब मजदूरों से जानलेवा कार्य ठेकेदारों द्वारा कराया जाता है यदि किसी मजदूर की गिरने से उसकी मौत हो जाती है तो उसके परिवार का सहारा कौन बनेगा वह मजदूर जो कड़ाके की धूप में जान खतरे में डालकर एक मंजिल दो मंजिल तीन मंजिल चार मंजिल पांच मंजिल 10 मंजिल तक मजदूरी करके रुपया कमाकर बच्चों का पालन पोषण करने के लिए जोखिम भरा कार्य अपने हुनर से बिना कोई प्रशिक्षण केवल अपने अनुभव के आधार पर सेटरिंग का कार्य करता है अपने हुनर के मुताबिक ठेकेदार को खुश करता है लेकिन कभी उस गरीब मजदूर के बारे में सरकार के किसी जिम्मेदार लोगों ने क्यों नहीं सोचा की बिना लाइसेंस के ठेकेदार सेटरिंग की दुकान खोल लेता है और ना ही मजदूरों का बीमा कराया जाता है बिना कोई गारंटी लिए जोखिम भरा कार्य करता है जिससे वह अपनी जीविका चलता है ठेकेदार को मोटी रकम मिलती है उसे गरीब बेचारे मजदूर की मजदूरी उसके रिस्क के बराबर नहीं मिलती है क्योंकि वह जोखिम भरा कार्य करता है स्थानीय प्रशासन से लेकर जिला व प्रदेश प्रशासन तथा सरकार के पहरेदारों द्वारा इस जोखिम भरे कार्यों की पहरेदारी क्यों नहीं की जाती बिना लाइसेंस बिना मजदूरों के बीमें का जनपद सहित पूरे प्रदेश में शटरिंग का कार्य फल फूल रहा है सेटरिंग के कारोबार की मोटी कमाई से ठेकेदार मालामाल हो जाता है। घर से जाने के बाद सेटरिंग करने वाले मजदूर के परिजन व बच्चे सकुशल घर पहुंचने की कामना करते रहते हैं।


