रिपोर्ट विरेन्द्र तोमर बागपत

बागपत/बागपत में राष्ट्रीय मध्यस्थता अभियान के अंतर्गत जनपद बागपत में स्थायी लोक अदालत के माध्यम से जनसामान्य को त्वरित, सुलभ और सस्ती न्यायिक सहायता प्रदान की जा रही है। यह अभियान आम नागरिकों के सेवा से संबंधित विवादों का समाधान आपसी सुलह के आधार पर करता है।
स्थायी लोक अदालत, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987 की धारा 22 (बी) के अंतर्गत गठित की गई है, जो निम्नलिखित सार्वजनिक सेवाओं से जुड़े विवादों को निपटाने के लिए सक्षम है:
यातायात सेवा (सड़क, जल या वायु द्वारा माल व यात्री परिवहन)
डाक, तार और टेलीफोन सेवा
बिजली, प्रकाश व जल आपूर्ति
सफाई व सार्वजनिक स्वच्छता प्रणाली अस्पताल व औषधालय सेवाएं
बीमा सेवाएं शिक्षा से जुड़ी सेवाएं
आवास व रियल एस्टेट संबंधी विवाद न्यायालय में मामला दर्ज होने से पहले, किसी भी पक्षकार को स्थायी लोक अदालत में आवेदन देने का अधिकार है। सुलह न होने की स्थिति में न्यायिक निर्णय दिया जाता है, जो अंतिम माना जाता है।
स्थायी लोक अदालत उन मामलों को सुनवाई में ले सकती है, जिनमें विवाद की संपत्ति का मूल्य एक करोड़ रुपये तक हो।
इस अभियान की अध्यक्षता सेवा निवृत्त जिला जज सुरेन्द्र प्रसाद मिश्रा कर रहे हैं, जबकि श्रीमती सीमा रानी एवं श्री राजकुमार गुप्ता सदस्य के रूप में कार्यरत हैं।स्थानीय नागरिकों से अपील की गई है कि वे अपने सेवा से जुड़े विवादों के समाधान के लिए स्थायी लोक अदालत की सुविधा का अधिक से अधिक लाभ उठाएं।