रिपोर्ट विरेंद्र तोमर बागपत

बागपत, बागपत मेंकलेक्ट्रेट विकास भवन में आज नागरिकों और प्रशासन के बीच सहभागिता का एक सशक्त उदाहरण देखने को मिला। जिलाधिकारी अस्मिता लाल के निर्देशन में जनपद में “समर्थ उत्तर प्रदेश – विकसित उत्तर प्रदेश @2047” अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के अंतर्गत जनपद की समस्त विकासखंड, नगर पालिका, नगर पंचायत और प्रमुख स्थलों पर क्यूआर कोड स्टैंड्स स्थापित किए गए हैं, जिनके माध्यम से नागरिक यह सुझाव दे सकते हैं कि वे अपने उत्तर प्रदेश को कैसे विकसित देखना चाहते हैं।
जिला सूचना अधिकारी राहुल भाटी ने बताया कि इस अभियान का उद्देश्य केवल समस्याओं की पहचान करना नहीं है, बल्कि उनके समाधान भी प्राप्त करना है। उन्होंने कहा कि हर नागरिक का छोटा सा सुझाव भी भविष्य की नीतियों को दिशा देगा। अभियान के तहत शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, डिजिटल इंडिया, महिला सशक्तिकरण, युवा नेतृत्व और पर्यावरण संरक्षण जैसे 12 प्रमुख सेक्टरों पर सुझाव लिए जा रहे हैं।
आज कलेक्ट्रेट परिसर में स्थापित स्टैंडिंग पर अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ-साथ आम नागरिकों को भी सुझाव देते देखा गया। नागरिकों ने अपने सुझावों में खेल अकादमी, डिजिटल लैब, अंतरराष्ट्रीय स्तर के सिंथेटिक ट्रैक, जैविक खेती और मिलेट्स निर्यात, स्वास्थ्य, स्वच्छता और रोज़गार प्रशिक्षण जैसे पहलुओं को शामिल किया।
जिलाधिकारी अस्मिता लाल ने सभी नागरिकों से अपील की कि हर परिवार से कम से कम एक सुझाव अवश्य आए। उन्होंने कहा, “आपके विचार ही 2047 तक उत्तर प्रदेश को विकसित राज्यों की श्रेणी में लाने का मार्ग प्रशस्त करेंगे। यह अवसर है कि हम केवल दर्शक न बनें, बल्कि विकास यात्रा के सक्रिय भागीदार बनें।”
अभियान के माध्यम से प्राप्त सुझावों के आधार पर एक विजन डॉक्यूमेंट तैयार किया जाएगा, जिसमें अर्थ शक्ति, सृजन शक्ति और जीवन शक्ति जैसे स्तंभ शामिल होंगे। यह दस्तावेज़ कृषि, औद्योगिक विकास, आईटी, स्वास्थ्य, शिक्षा, समाज कल्याण, पर्यटन, सुशासन और सुरक्षा सहित 12 प्रमुख सेक्टरों को कवर करेगा और आने वाले वर्षों के लिए नीतियों की रूपरेखा तय करेगा।
इस पहल के तहत नागरिकों को अपने सुझाव देने के लिए 05 अक्टूबर 2025 तक पोर्टल https://samarthuttarpradesh.up.gov.in/ का उपयोग करने का निर्देश दिया गया है। बेहतर सुझाव देने वाले नागरिकों को सरकार द्वारा सम्मानित किया जाएगा और सभी सहभागी को ऑनलाइन जिम्मेदार नागरिकता प्रमाणपत्र प्रदान किया जाएगा।
जिला प्रशासन का मानना है कि यह अभियान नागरिकों और शासन के बीच की दूरी कम करेगा और नीति निर्माण में प्रत्यक्ष जनभागीदारी सुनिश्चित करेगा।